यूपी के चर्चित प्रभात गुप्ता हत्याकांड में कल आएगा हाई कोर्ट का फैसला, अभी तक तीन बार फैसला किया जा चुका है रिज़र्व, ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी हैं मुख्य आरोपी

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चर्चित प्रभात गुप्ता हत्याकांड में कल आएगा हाई कोर्ट में फैसला, 23 साल पहले हुई थी प्रभात गुप्ता की हत्या। केंद्रीय ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी हैं प्रभात गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी, टेनी के साथी सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी ,राकेश डालू भी हैं आरोपी।

लखनऊ. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में मंगलवार को लखीमपुर खीरी के छात्र नेता प्रभात गुप्ता हत्याकांड की सुनवाई पूरी हो गई. इस मामले में ने फैसले को सुरक्षित रखा है. अब कोर्ट 19 मई को अपना फैसला सुनाएगी. बता दें कि इस हत्याकांड में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी समेत चार लोग आरोपी हैं. अजय मिश्रा के अलावा सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी ,राकेश डालू भी आरोपी बनाये गये थे.

दरअसल, सन 2000 में जिला पंचायत चुनाव के दौरान तिकुनिया में बीच बाजार लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता प्रभात गुप्ता की उस समय ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह पैदल अपने घर जा रहे थे. उस दौरान राजदूत मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए चार अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली चला कर छात्र नेता प्रभात गुप्ता की हत्या कर दी थी. प्रभात गुप्ता तिकुनिया के रहने वाले थे और इनके पिता संतोष गुप्ता तिकुनिया में संभ्रांत व्यापारियों में शुमार थे. वहीं पास के गांव बनवारीपुर में अजय मिश्रा टेनी रहते थे. इन दोनों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी. इनका आपस मे विरोध लंबे समय से चला आ रहा था. प्रभात हत्याकांड के बाद अजय मिश्र टेनी पर हत्या कराने का आरोप लगा.

अजय मिश्रा ट्रेनी समेत चार लोगों का जब एफआईआर में नाम आया और जिला जज ने उनकी जमानत को खारिज कर दिया, तब 25 जून 2003 को अजय मिश्र टेनी जिला जज चंद्रमा सिंह की अदालत में हाजिर हुए. जहां अभियोजन पक्ष ने अजय मिश्रा टेनी की तरफ से सुनवाई के लिए 5 दिन का समय मांगा, लेकिन उनकी अर्जी नामंजूर कर दी गई. अदालत ने कहा कि अभियुक्त के विरुद्ध चार्जशीट आ चुकी है.

जिला जज ने अजय मिश्र टेनी की जमानत को कैंसिल कर दिया, लेकिन उनके हृदय रोगी होने के चलते जेल के बजाय अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश दिए. अगले दिन माननीय अपर जिला जज ने अजय मिश्रा ट्रेनी की जमानत मंजूर करते हुए रिहा कर दिया. 29 मार्च 2004 को लखीमपुर जिला कोर्ट में सुनवाई होने के बाद 15 मई 2004 को अजय मिश्रा समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया गया था. जिसके बाद प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता ने ऊपरी अदालत में रिवीजन के लिए अपील की थी.

अभी तक हाईकोर्ट लखनऊ में तीन बार फ़ैसला रिज़र्व किया गया. पहली बार 12 मार्च 2018 को जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और दिनेश कुमार सिंह ने फ़ैसला रिज़र्व किया. दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 नवम्बर 2022 को जस्टिस रमेश सिन्हा और रेनु अग्रवाल ने फ़ैसला रिज़र्व किया. तीसरी बार 21 फ़रवरी 2023 को फ़ैसला जस्टिस अट्टू रहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने फ़ैसला रिज़र्व किया.अब जस्टिस अट्टू रहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला दिनांक 19 मई को फ़ैसला सुनाएंगे.