गुजरात सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में गुजराती विषय पढ़ाना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश के सभी स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के छात्रों को अब गुजराती भी पढ़ाई जाएगी। इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। विधेयक में जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
गुजराती नहीं पढ़ाने पर लगेगा जुर्माना
गुजराती माध्यम में गुजराती का अनिवार्य शिक्षण, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल कानून के दायरे में आएंगे। राज्य सरकार ने इस विधेयक में गुजराती नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों के लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया है। बता दें कि गुजरात विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुल 18 विधायकों ने इस बिल पर अपने विचार रखे। विधेयक को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिला।
कितना लगेगा जुर्माना?
विधेयक में सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पहली बार स्कूल का उल्लंघन करने वालों पर 50,000 का जुर्माना। दूसरी बार नियम का उल्लंघन करने वाले स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही अगर तीसरी बार नियम का उल्लंघन हुआ तो स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।
विधेयक की खास बातें
पहली से 8वीं कक्षा तक के कक्षा के लिए अनिवार्य
एक उप निदेशक नियुक्त किया जाएगा
सक्षम प्राधिकारी जुर्माने की राशि घटा या बढ़ा सकता है
सभी बोर्ड में गुजराती अनिवार्य होगी
सीबीएससी और केंद्रीय विद्यालयों में भी गुजराती अनिवार्य
गैर गुजराती छात्र को छूट मिल सकती है
विधेयक का समर्थन करता हूं: अर्जुन मोढवाडिया
कांग्रेस विधायक ने कहा कि वह इस विधेयक का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि हर विधायक को सरकार द्वारा तैयार किए गए कमांड एंड कंट्रोल रूम का दौरा करना चाहिए। इस कमांड और कंट्रोल रूम का दौरा करने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे जिले के सभी स्कूल रेड जोन में हैं। मेरे गांव के स्कूल भी रेड जोन में हैं। स्कूलों को रेड जोन से ग्रीन जोन में लाने में सरकार का सहयोग करूंगा। गुजराती भाषा को संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
Compiled: up18 News
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