प्रयागराज में अतीक की बेगम शाइस्‍ता का मायका भी हुआ लावारिस

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हालांकि पुलिस ने तो पिछले हफ्ते जांच कर यही बताया था कि 50 हजार इनामिया शाइस्ता परवीन के मायके वाले पुलिस का दबाव दे घर खुला छोड़ भाग गए हैं लेकिन बहुत बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर घर छोड़ भागते तो घर में ताला तो अवश्य बंद करते? या बहुत जल्दी होती तो मेन गेट बंद करते या पड़ोस में किसी को बोलकर जाते कि गेट को बंद कर देना ताला लगा देना।

दूसरा बड़ा सवाल अगर पुलिस ने अचानक ही अतीक अहमद की ससुराल यानी शाइस्ता परवीन के मायके वाले घर पर दबिश देकर तलाशी ली तो उस घर को लावारिस क्यों छोड़ दिया, उसे पुलिस द्वारा सुरक्षित या सील क्यों नहीं किया गया। यह घर अतीक के ससुर मोहम्मद हारून का है।

तीसरा बड़ा सवाल पुलिस मोहम्मद हारून के मकान पर गई थी। बड़ी संख्या में मीडिया वाले भी उस घर पहुंच कर खबर बना रहे तो उस घर के दरवाजे के सामने मौजूद नंगी तलवार पुलिस वालों को क्यों नहीं दिखी। और अगर दिखी तो उसको यूं ही क्यों पड़े रहने दिया गया? या पहले तलवार वहां नहीं पड़ी थी।

अतीक अहमद के ध्वस्त कार्यालय पर भी पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े बहुत से सबूत मिले। करीब 74 लाख रुपये नकदी मिली, 5 विदेशी 5 देशी पिस्टल मिली थीं, लेकिन वहां भी पुलिस ने स्थायी सुरक्षा या बाड़ा बंदी नहीं की थी। जिसकी वजह से सोमवार को फिर चौंकाने वाली घटना वहां देखी गई। कार्यालय के अंदर खून फैला हुआ था। साथ ही खून से सनी चाकू, कपड़े, टूटी चूड़ी आदि मिली।

इसको देखते हुए अब शाइस्ता परवीन के मायके को लावारिस खुले घर को भी ऐसे ही छोड़ना कहां तक समझदारी है जबकि दरवाजे पर खुली तलवार भी पड़ी हुई है। जब 2021 और 2022 में चकिया स्थित अतीक अहमद के घर को फिर से पीडीए की तरफ से ढाहाया गया तो शाइस्ता परवीन अपने तीनों बच्चे सहित मायके के ठीक सामने ही बने मकान में किराए पर रहने लगी, जिसे उमेश पाल हत्याकांड के बाद 1 मार्च को पीडीए ने ध्वस्त कर दिया। इसी बीच पुलिस शाइस्ता परवीन को खोजने लगी और उस पर आउटलुक नोटिस जारी हो गया।

Compiled: up18 News