तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा का चेन्नई में किया अनावरण

तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा का चेन्नई में किया अनावरण, अखिलेश यादव भी रहे मौजूद

Politics

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को चेन्नई में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। श्री सिंह की आदमकद प्रतिमा यहां प्रेसीडेंसी कॉलेज परिसर में स्थापित की गई है। स्टालिन ने समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर सिंह के परिजन भी मौजूद रहे।

 

प्रतिमा अनावरण के बाद स्टालिन, यादव और अन्य लोगों ने सिंह की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की। स्टालिन ने अप्रैल में घोषणा की थी कि तमिलनाडु सरकार सिंह की एक प्रतिमा स्थापित करेगी। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने बीपी मंडल आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। उन्होंने कहा कि अनावरण समारोह न केवल वीपी सिंह की उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की याद भी दिलाता है।

उन्होंने पीएम के पद पर रहकर मंडल आयोग की सिफारिश को लागू कराया था, जो कि उनके करियर का एक ऐतिहासिक फैसला बन गया। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन हुए और वीपी सिंह की छवि ओबीसी श्रेणी के लोगों के लिए हीरो बनी तो अन्यों के लिए किसी खलनायक से कम नहीं माने गए। उनके इस फैसले को विपक्ष ने सिंह के राजनीतिक फायदे का नाम दे डाला था।

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पूर्व प्रधानमंत्री विश्व नाथ प्रताप सिंह की प्रतिमा के अनावरण के बाद यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने संक्षिप्त संबोधन किया।

उन्होंने कहा कि ‘यह स्टैचू लग जाने के बाद वो लोग जिन्हें हजारों साल से न्याय की उम्मीद थी, बराबरी की उम्मीद थी वो हमारे साथ खड़े होकर इस लड़ाई को और मजबूत बनाने का काम करेंगे।

सपा प्रमुख ने कहा कि ‘जो दिल्ली की सरकारें हैं जिन्होंने हमें और आपको कभी अधिकार नहीं दिया वह प्राइवेटाइजेशन की तरफ जा रहे हैं। हमारी आपकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी सरकार के पतन के कारण प्रधानमंत्री बने विश्वनाथ प्रताप सिंह ने आम चुनाव के माध्यम से 2 दिसंबर 1989 को यह पद मिला था। उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें, तो उन्होंने इलाहाबाद और पूना विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी। वह 1947-1948 में उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट रहे। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्टूडेंट यूनियन में वाइस प्रेसिंडेंट भी थे।

Compiled: up18 News