जी-7 सम्मेलन के निहितार्थ: 2035 तक हो जाएगा बिजली क्षेत्र का पूर्ण डीकार्बोनाइजेशन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जर्मनी में हुए जी-7 सम्मेलन में मौजूदगी ने जहां एक ओर दुनिया के पटल पर भारत की प्रासंगिकता को एक बार फिर साबित किया, वहीं प्रधानमंत्री ने इस वैश्विक मंच का भरपूर फायदा उठाते हुए दुनिया को न सिर्फ़ शांति का संदेश दिया बल्कि यह भी साफ़ किया कि जलवायु गुणवत्ता […]

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यह रिपोर्ट 2021 में दुनिया भर में हुई जलवायु पीड़ा की समझ प्रदान करती है..

दुनिया की सबसे महंगी चरम मौसम की घटनाओं में से दस की लागत $ 1.5 बिलियन से अधिक है। इस सूची में अमेरिका में अगस्त में आया तूफ़ान इडा सबसे ऊपर है, जिसकी अनुमानित लागत $65 बिलियन है। वहीँ जुलाई में यूरोप में आयी बाढ़ में 43 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। इन आंकड़ों […]

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विकसित देशों की तरफ से क्लाइमेट फाइनेंस की प्रतिबद्धता जरूरत के हिसाब से बहुत थोड़ी

ग्‍लासगो में हाल में सम्‍पन्‍न सीओपी26 में निर्धारित लक्ष्‍य और व्‍यक्‍त संकल्‍पबद्धताओं की पूर्ति की कसौटी पर भारत अलग तरह की चुनौतियों को सामना कर रहा है। कोयले के चलन को चरणबद्ध ढंग से खत्‍म करने की राह में खड़ी बाजार की शक्तियां, दुरूह वित्‍तीय स्थितियां और कई अन्‍य कारणों से भारत के लिये सूरत-ए-हाल […]

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COP26: बड़ी अर्थव्यवस्थायें अब कमज़ोर देशों के ल‍िए अपने पत्ते खोलें

एक बेहद तेज़ घटनाक्रम में यूके की COP प्रेसीडेंसी ने ग्लासगो क्लाइमेट समिट के लिए फैसलों का एक नया मसौदा जारी किया है। इस मसौदे की भाषा सशक्त है और इशारा करती है कि अंततः फैसलों की शक्ल कैसी हो सकती है। लेकिन इस मसौदे को ले कर विशेषज्ञों की कुछ चिंताएं हैं। इनमें चिंता का मुख्य […]

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ग्रीनफेथ इंटरनेशनल नेटवर्क के आव्हान पर जलवायु निष्क्रियता के ख़िलाफ़ धार्मिक संगठन हुए एकजुट

दुनिया में ऐसी कोई भी धार्मिक परंपरा नहीं जो प्रकृति के विनाश का प्रतिबंध न लगाती हो। लेकिन इस प्रतिबन्ध के बावजूद, दुनिया भर की सरकारें और वित्तीय संस्थान प्रक्रति का दोहन कर रही हैं और उस पर लगाम लगाने की जगह ढील देती नज़र आती हैं। ये कहना है कैथोलिक धर्म प्रचारक नेता थेया […]

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