…और शायद मैं पाकिस्तानी घुसपैठियों को देख भी ना पाता

“अगर वो मेरा नया-नवेला याक न होता तो शायद मैं उसकी तलाश करने भी न जाता और शायद मैं पाकिस्तानी घुसपैठियों को देख भी ना पाता.” ये शब्द हैं 55 साल के ताशी नामग्याल के जिन्होंने संभवता सबसे पहली बार कारगिल की पहाड़ियों में छिपे हुए पाकिस्तानी सैनिकों को देखा था. ये साल 1999 की […]

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