जीवन में इकीगाई को अपनाएं, आयेगी खुशियों भरी सफलता

हम सब जानते हैं कि सैर पर जाना सेहत के लिए अच्छा है। हम सब जानते हैं कि भोजन चबा-चबाकर खाना सेहत के लिए अच्छा है। हम जानते हैं कि यह सच है, मानते भी हैं कि यह सच है, पर जानते और मानते हुए भी हम उसे जीवन में नहीं उतारते। अक्सर ऐसा ही […]

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…यही कारण है कि अब पार्टी के अध्यक्ष को “पार्टी सुप्रीमो” कहने की परंपरा चल पड़ी है

सन‍् 1985 में 52वें संविधान संशोधन ने राजनीतिक दलों के मुखिया को अपने दल के अंदर सर्वशक्तिमान बना डाला जिसने पार्टी सुप्रीमो की अवधारणा को जन्म दिया। “आया राम, गया राम” की घटनाएं न हों, इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने 52वां संविधान संशोधन लागू किया। तब वे न केवल प्रधानमंत्री थे […]

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हम राजनेताओं की निंदा करें या प्रशंसा, एक बात समझने में हम सब असमर्थ हैं…

समय के साथ-साथ देश बदल गया है, लोगों की सोच बदल गई है, व्यवसाय का तरीका बदल गया है, और मीडिया भी बदल गया है। सोशल मीडिया ने हमारे जीने का तरीका ही बदल दिया है। इन बड़े परिवर्तनों के बावजूद न तो देश की राजनीति बदली है, न राजनीतिज्ञों की सोच। सत्ता में जो […]

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यह कहानी है दुनिया जीतने के लिए निकले उस नन्हे बच्चे की जिसने विपरीत परिस्थितियों से दोस्ती कर ली और अंतत: अपना लक्ष्य पा लिया

पिता मज़दूर, मां दृष्टिहीन, खुद शत-प्रतिशत बहरे। ये राजस्थान के जिला अलवर के गांव बदनगढ़ी के निवासी मनीराम शर्मा। मनीराम शर्मा आज एक प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी हैं। यह कहानी है जिजीविषा की, यह कहानी है संयम की, यह कहानी है लगन की, मेहनत की, दृढ़ निश्चय की। यह कहानी है दुनिया जीतने के लिए निकले […]

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“जो होना था हो गया, अब आगे की सोचो” तो जीवन के सारे दुख खुद-ब-खुद दूर हो जाएंगे

समय के साथ-साथ देश बदल गया है, लोगों की सोच बदल गई है, व्यवसाय का तरीका बदल गया है, और मीडिया भी बदल गया है। बदलाव जो आये, समय के साथ-साथ आये, धीरे-धीरे आये। कभी वो चुभे भी, फिर भी जीवन में रम गये, लेकिन कोरोना ने तो सब कुछ उलट-पुलट कर डाला है। जीवन […]

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सुव्यवस्थित सिस्टम नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे हैं हम…

चंडीगढ़ की प्रसिद्धि के दो प्रमुख कारण हैं। पहला कारण तो यह है कि एक आदर्श शहर है जिसे योजनाबद्ध ढंग से विकसित किया गया, जिसके कारण इसके लगभग हर सेक्टर में रोज़मर्रा की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह एक छोटा-सा किंतु साफ और सुविधाजनक शहर है। इस कारण इसे भारत भर में जाना […]

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स्वतंत्रता हमारी स्वाभाविक भूख है…

“बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे, बोल जबां अब तक तेरी है”, फैज़ अहमद फैज़ की यह क्रांतिकारी नज्म और गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगौर की कविता “चित जेथा भय-शून्य” मेरे लिए हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। स्वतंत्रता हमारी स्वाभाविक भूख है, स्वतंत्रता हमारी उन्नति की कारक है, स्वतंत्रता हमारे विकास की सूचक है […]

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….और मीडिया भी बदल गया है

समय के साथ-साथ देश बदल गया है, लोगों की सोच बदल गई है, व्यवसाय का तरीका बदल गया है, और मीडिया भी बदल गया है। टाइम्स समूह में समीर जैन के आने के बाद मीडिया उद्योग में बड़े परिवर्तनों की शुरुआत हुई थी, लेकिन विद्वजनों को उनकी रणनीति की गहराई बहुत देर से समझ में […]

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समझना आवश्यक: बहुराष्ट्रीय कंपनी का किसी भी क्षेत्र में एकाधिकार देश के लिए शुभ नहीं होता

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस, यानी, न्याय विभाग ने इसी वर्ष 20 अक्तूबर को गूगल के विरुद्ध एंटी-ट्रस्ट का मामला दायर करते हुए आरोप लगाया है कि कंपनी सर्च सर्विसेज़ के मामले में गैरकानूनी ढंग से एकाधिकारवादी नीतियां अपना रही है जिससे प्रतियोगिता पर अंकुश लग रहे हैं। ऐसा ही 1990 में माइक्रोसॉफ्ट के साथ […]

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