अमन के नाम से नफ़रत बेचने का मीडिया व्यापार !

चुनाव जीतकर सत्ता प्राप्त करने और फिर ‘इच्छा-शासन’ का वरदान प्राप्त करके अनिश्चित काल तक हुकूमत में बने रहने का फ़ार्मूला अब काफ़ी सस्ता और आसान हो गया है। हुकूमतों की मदद से संपदा का असीमित विस्तार करने में माहिर साबित हो चुके दो-चार या दस-बीस उद्योगपतियों को कोई भी सत्तारूढ़ दल अगर अपने नियंत्रण […]

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