बैंकिंग सिस्टम आने से बहुत पहले भी था “हवाला कारोबार”…

रुपये को दुनिया के एक हिस्से से दूसरी जगह ट्रांसफर करना और वो भी बग़ैर उसे हिलाए हुए. इसके लिए न तो बैंकों की ज़रूरत है न ही करेंसी एक्सचेंज की, न कोई फॉर्म भरना है और ना ही फ़ीस देनी है. होगा तो एक वो जो रुपये भेजेगा और दूसरा वो जिसके पास रुपये […]

Continue Reading