सुव्यवस्थित सिस्टम नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे हैं हम…

चंडीगढ़ की प्रसिद्धि के दो प्रमुख कारण हैं। पहला कारण तो यह है कि एक आदर्श शहर है जिसे योजनाबद्ध ढंग से विकसित किया गया, जिसके कारण इसके लगभग हर सेक्टर में रोज़मर्रा की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह एक छोटा-सा किंतु साफ और सुविधाजनक शहर है। इस कारण इसे भारत भर में जाना […]

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स्वतंत्रता हमारी स्वाभाविक भूख है…

“बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे, बोल जबां अब तक तेरी है”, फैज़ अहमद फैज़ की यह क्रांतिकारी नज्म और गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगौर की कविता “चित जेथा भय-शून्य” मेरे लिए हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। स्वतंत्रता हमारी स्वाभाविक भूख है, स्वतंत्रता हमारी उन्नति की कारक है, स्वतंत्रता हमारे विकास की सूचक है […]

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….और मीडिया भी बदल गया है

समय के साथ-साथ देश बदल गया है, लोगों की सोच बदल गई है, व्यवसाय का तरीका बदल गया है, और मीडिया भी बदल गया है। टाइम्स समूह में समीर जैन के आने के बाद मीडिया उद्योग में बड़े परिवर्तनों की शुरुआत हुई थी, लेकिन विद्वजनों को उनकी रणनीति की गहराई बहुत देर से समझ में […]

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समझना आवश्यक: बहुराष्ट्रीय कंपनी का किसी भी क्षेत्र में एकाधिकार देश के लिए शुभ नहीं होता

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस, यानी, न्याय विभाग ने इसी वर्ष 20 अक्तूबर को गूगल के विरुद्ध एंटी-ट्रस्ट का मामला दायर करते हुए आरोप लगाया है कि कंपनी सर्च सर्विसेज़ के मामले में गैरकानूनी ढंग से एकाधिकारवादी नीतियां अपना रही है जिससे प्रतियोगिता पर अंकुश लग रहे हैं। ऐसा ही 1990 में माइक्रोसॉफ्ट के साथ […]

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