हरियाली तीज: प्राचीन परम्पराओं का धीरे-धीरे समाप्त होते जाना चिन्तनीय है

ब्रज लोक संस्कृति मर्मज्ञ पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने हरियाली तीज पर कई गाँवों का सर्वेक्षण करके पाया कि अब से एक वर्ष तक पूर्व तक गाँवों में हरियाली तीज का हर्षोल्‍लास छाया रहता था किन्तु अब न तो सुनीं गईं ये मनुहार – हरियल – हरियल अम्मा मेरी मैं करूँ जी,ए जी कोई आईं […]

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