प्रवचन: दर्पण की तरह होना चाहिए चेहराः जैन मुनि डा.मणिभद्र
छिपाने से और अधिक बढ़ती हैं बुराइयां संतों के सानिध्य से समाप्त होता है अहंकार आगरा।जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने भक्तामर स्रोत के पाठ के अनंतर अपने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति अपने अवगुण छिपा कर श्रेष्ठ बनना चाहता है। दोषों को दबा कर रखने से वे और बढ़ते हैं और कभी-कभी विकराल रूप ले […]
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