मेरे जीवन का जब अंत हो, मेरे सामने एक संत हो: जैन मुनि डा.मणिभद्र

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आगरा: नेपाल केसरी व मानव मिलन संगठन संस्थापक जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है जीवन का जब अंत हो तो अच्छे लोग सामने होने चाहिए, तभी सुखद अंत होता है। मोह, माया से उस समय दूर रहना चाहिए। वहीं उन्होंने बताया कि पर्वाधिराज पर्युषण पर्व बुधवार से शुरू हो रहे हैं, सभी जन उसके स्वागत में जुट जाएं।

जैन स्थानक, राजामंडी में आयोजित वर्षावास सत्संग में प्रवचन देते हुए जैन मुनि ने कहा कि जब भी व्यक्ति का अंतिम समय आता है तो उसे अपने परिजन याद आते हैं। यह सब मोह, माया होती है, जो अंतिम समय में भी पीछा नहीं छोड़ती है। वहीं दूसरी ओर जैन धर्म के अनुयायी चाहते हैं कि जब उनका अंतिम समय हो तो उनके सामने एक संत हो। उनके मन में कोई राग-द्वेष न हो। अंतिम समय में अंर्तमुखी हो कर आत्मचितंतन करना चाहिए।

उन्होंने एक भजन सुनाया-
मेरे जीवन का जब अंत हो, मेरे सामने एक संत हो।

मुनिवर ने कहा कि ये शरीर धर्म, साधना के लिए हैं। इस शरीर से ही हम पुण्य कार्य करके पापों का क्षय कर सकते हैं। आनंद श्रावक ने अंतिम समय में संथारा स्वीकार किया, वह किसी के कहने पर नहीं, स्वयं की प्रेरणा से, अपनी शुभ इच्छा से। अवधि ज्ञान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह दो प्रकार का होता है, बाह्य मुखी और अंतर्मुखी। अंतर्मुखी ज्ञान से आत्मा का चिंतन होता है। इसके लिए आत्मा को स्वच्छ करना होता है। उन्होंने कहा कि जैसे व्यक्ति अपने आंखों पर कपड़े की पर्त लगा दी जाए तो उसे दिखना बंद हो जाता है।

उन्हीं कपड़ों की पर्तों को एक-एक करके हटाना शुरू कर दें तो दिखना शुरू हो जाता है। इसी प्रकार हमें आत्मा के ऊपर की पर्त को धीरे-धीरे हटाते जाना चाहिए। तभी आत्मा प्रकाशित होती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान को प्राप्त करने के लिए साधना की जरूरत पड़ती है। यदि हम तपस्या नहीं कर सकते तो पश्चाताप तो कर सकते हैं। उससे मन हल्का और पवित्र होता है। सेवा भी अभ्यांतर तपस्या में आती है।

जैन मुनि ने कहा कि बुधवार से पर्वाधिराज पर्युषण पर्व शुरू हो रहे हैं। उसका सभी को स्वागत करना चाहिए। आठ दिन तक लगातार तप, साधना,आराधना में बीतेंगे। रविवार को भगवान महावीर के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। सभी परिजन अपने बच्चों को भगवान वर्द्धमान के स्वरूप में सजा कर लाएं, ताकि उनके जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़े।

मंगलवार की धर्म सभा में नीतू जैन, दयालबाग एवम रजनी जैन की 8 उपवास की तपस्या चल रही है।कमलेश नायन जी की 7 उपवास की तपस्या चल रही है।उमा जैन एवं अनिता जैन की 5 उपवास की तपस्या चल रही है।बालकिशन जैन, लोहामंडी की 12 आयंबिल की तपस्या चल रही है ।आयम्बिल की लड़ी शैलबाला जैन ने आगे बढ़ाई।मंगलवार के नवकार मंत्र के जाप का लाभ शकुंतला, पद्मिनी, नीतू सुराना बच्चूमल परिवार ने लिया।

जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र महाराज, पुनीत मुनि एवम विराग मुनि के सानिध्य में महावीर भवन जैन स्थानक में बुधवार 24 से 31 अगस्त तक पर्युषण महापर्व के पावन अवसर पर आठों दिन नवकार महामंत्र के अखण्ड जाप का आयोजन रखा गया है। जिसमे प्रात: 6:00 से सायं 6:00 बजे तक महिलाओं द्वारा जाप किया जाएगा एवम सायं 6:00 से प्रातः 6:00 बजे तक होने वाले अखंड जाप में केवल पुरुष भाग लेंगे।

24 अगस्त से 31 अगस्त तक अंतगड सूत्र वाचन एवं मंगल प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से होंगे। पुरुषों का प्रतिक्रमण महावीर भवन एवम महिलाओं का सुराना भवन में शाम 7:00 से 8:00 बजे तक होगा।

-विवेक कुमार जैन