प्रवचन: जो आत्मा में रमण करता है, वही ब्रह्मचारी- जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज
आगरा ।राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा कि ब्रह्मचारी का अर्थ लोग सही नहीं लगाते। ब्रह्म का अर्थ होता है आत्मा और चारी अर्थ है रमण करने वाला। यानि जो आत्मा में रमण करे, वही ब्रह्मचारी है। जबकि कुछ लोग अविवाहित रह कर साधना करने वाले को ब्रह्मचारी कहते हैं। महावीर भवन, न्यू […]
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