आज की लचर पत्रकारिता में शोहरतयाब हुए मुखबिर तथा अपराधिक प्रवृत्ति में संलिप्त लोग

देश के मशहूर शायर जनाब मरहूम राहत इंदौरी साहब ने कभी लिखा था कि —- दर बदर जो थे वो दीवारों के मालिक हो गए, मेरे सब दरबान दरबारों के मालिक हो गए। लफ्ज़ गूंगे हो चुके, तहरीरें अंधी हो चुकी, मुखबिर जितने थे सब अखबारों के मालिक हो गए।। अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के […]

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