रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका सुनने को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सरकार ने अभी तक इस मसले पर कोई फ़ैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नौ सालों से भी अधिक समय से इस मामले को टाल रही है. इस पर बेंच ने कहा, “हम जल्द ही इसे सूचीबद्ध करेंगे.”

इससे पहले 19 जनवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की प्रक्रिया पर केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय काम कर रहा है.

इससे पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बीते साल 22 दिसंबर को राज्यसभा में कहा था कि भारतीय सैटलाइट्स को राम सेतु की उत्पत्ति से संबंधित कोई सबूत नहीं मिले हैं.

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने कहा था, “भारतीय सैटेलाइट्स ने भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले रामसेतु वाले इलाक़े की हाई रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें ली हैं. हालांकि इन सैटेलाइट तस्वीरों से अब तक सीधे तौर पर रामसेतु की उत्पत्ति और वो कितना पुराना है इससे संबंधित कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.”

रामसेतु को ऐडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है. ये भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर तमिलनाडु के रामेश्वरम और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट के पास मन्नार द्वीप के बीच चूना-पत्थरों का कई किलोमीटर लंबा समूह है.

Compiled: up18 News