मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान पर आज भाद्रपद कृष्ण सप्तमी विगत दिवस दिनांक 18 अगस्त की सांय 6.30 बजे श्रीकृष्ण-जन्मस्थान स्थित अन्नपूर्णेश्वर महादेव क्षेत्र से श्रीठाकुरजी की पोशाक एवं श्रृंगार अर्पण यात्रा निकाली गयी।
इस संबंध में जानकारी देते हुऐ संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सुसज्जित थाली में श्रीठाकुरजी को करधनी, कुण्डल, पायल, चूड़ी, बिन्दी, नथ, हार आदि अनेक दिव्य वस्त्र आभूषण सजाकर भक्तजन बड़े ही उल्हास से नाचते-गाते चल रहे थे।
शोभायात्रा के साथ उज्जैन से पधारे डमरू, मजीरा बजाते कलाकार, झांसी से पधारे लाई कलाकार एवं ढोल, ढपली के साथ राजस्थान से पधारे कलाकार इस शोभायात्रा में तन्मय होकर गायन-वादन एवं नृत्य कर रहे थे। ऐसी अद्भुद विलक्षण पोशाक अर्पण यात्रा के दर्शन कर बाहर से पधारे श्रद्धालु अभिभूत हो उठे।
सर्वप्रथम भगवान श्रीकेशवदेव जी महाराज को पोषाक अर्पित की गयी, तदोपरान्त भगवती अष्टभुजा मां योगमायाजी, श्रीगर्भ-गृह जी एवं श्रीराधाकृष्ण को ‘श्रीहरिकांता पोशाक’ युगल सरकार को अर्पित की गयी।
श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के सन्मुख पहुंची शोभायात्रा का दृश्य ही निराला था। शोभायात्रा के साथ चल रहे भक्तजन के साथ-साथ कलाकार वाद्ययंत्रों की ध्वनि पर उद्दाम संकीर्तन एवं नृत्य कर रहे थे। जन्मभूमि के पूजाचार्यो ने शास्त्रीय विधि से पोशाक एवं आभूषण श्रीठाकुरजी के चरणों में अर्पित की। ऐसी दिव्य पोशाक एवं आभूषणों को धारण कर ठाकुरजी आज श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी के दिन भक्तों को दर्शन देंगे।
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