मथुरा: 14 मार्च को किया जाएगा श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि पर लठामार होली का अनूठा आयोजन

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मथुरा। सोमवार को 14 मार्च को श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि पर लठामार होली का अनूठा आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि लठामार होली का आयोजन 14 मार्च 2022 सोमवार को ब्रज की परंपराओं एवं मर्यादाओं के अनुरूप संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियों पूर्ण कर ली गयी हैं।

इस वर्ष लठामार होली का आयोजन श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि परिसर में स्थित केशव वाटिका में ही किया जायेगा, जहां दुर्लभ एवं सघन वृक्षावली से अच्छादित प्रांगण में लठामार होली का आयोजन अद्भुद एवं अनूठा होगा।

श्री शर्मा ने आगे बताया कि केशव वाटिका में आयोजित होली की साज सज्जा इस प्रकार की जा रही है जिससे इस आयोजन में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालु परंपरागत होली का दर्शन प्राकृतिक वातावरण और आध्यात्मिक छटाओं के मध्य कर सकें।

बसन्त पंचमी से प्रारम्भ यह फाग महोत्सव अपने चरम पर है। श्रीकृष्‍ण संकीर्तन मण्डल के रसिक भक्तजन एवं विशिष्‍ट भजन गायक जन्मभूमि पर विराजमान ठाकुर श्री केशवदेव जी महाराज के समक्ष नित्य होली गायन और पुष्‍प होली का दिव्य आयोजन कर रहे हैं। होली आयोजन में केसरिया गुलाल की वर्षा के साथ हजारों लीटर टेसू का केसरिया रंग व गुलाब अर्क की व्यवस्था भी की जा रही है।

श्री शर्मा ने आगे बताया कि इस वर्ष गुलाल और पुष्‍प वर्षा की छटा अद्भुद होगी। गुलाल की वर्षा करते समय ऐसा प्रयास रहेगा कि जन्मभूमि के पवित्र परिसर से आकाष इन्द्रधनुषीय दिखाई दे।

लठामार होली में राधाजू की जन्मभूमि के सिद्ध हुरियारों के साथ साथ श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि के हुरियारे भी इस दिव्य लठामार होली लीला में अपनी सहभागिता करेंगे । जो विशिष्‍ट पोशाक में आकर्षण का केन्द्र रहेंगे ।

संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य श्री गोपेश्‍वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि प्रिया-प्रियतम ने इस पवित्र लीला का स्वयं दर्शन कराकर ब्रजवासियों को परमानन्द प्राप्त कराया था। विगत लगभग 41वर्ष से जन्मभूमि संस्थान एवं समिति का यह प्रयास है कि उसी परमानन्द की प्राप्ति ब्रजवासियों के साथ साथ देश विदेश के असंख्य कृष्‍ण भक्त प्राप्त करें, साथ ही हमारा प्रयास रहता है कि ब्रज में होली के अवसर पर आयोजित होने वाली अधिकांश लीलाओं के दर्शन जन्मभूमि की रंगारंग लठामार होली में कर पायें।

लठामार होली में ग्राम रावल के सिद्ध हुरियारे-हुरियारिनों के साथसाथ श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि के हुरियारे-हुरियारिनें भी इस दिव्य लठामार होली लीला में अपनी सहभागिता करेंगें। इस वर्ष हुरियारे-हुरियारिनों की पोशाक भव्य होगीं। इन पोशाकों के निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है।

श्री चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्श लठामार होली के आयोजन में मंच सज्जा अद्भुद होगी। मंच का निर्माण करते समय इस विषय का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि बिना किसी अवरोध के प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालुजन भगवान की लीलाओं के दर्शन कर पायें, साथ ही इस वर्ष टीवी चैनलों एवं प्रेस फोटोग्राफर्स भी लीलाओं का कवरेज कर पायेंगे।

संस्थान के सदस्य श्री गोपेश्‍वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा को देखते हुऐ सामान घरों पर कर्मचारियों की संख्या बढाई जायेगी। इस अवसर पर जन्मभूमि के तीनों द्वार से प्रवेश एवं निकास रहेगा, साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि कोई भी इलैक्ट्रॉनिक सामान एवं प्रतिबंधित सामान साथ लेकर न आयें जिससे कि उनका प्रवेश आसानी से हो सके।