शिंदे सरकार ने बदला अहमदनगर का नाम, अब हुआ पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी नगर

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 शिंदे सरकार ने इससे पहले औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला था. कैबिनेट ने कई अन्य महत्तवपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आज आयोजित राज्य कैबिनेट में भायंदर से लेकर विरार तक सी लिंक बनाने को लेकर मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा काफी दिनों से धरने पर बैठे आशा वर्कर्स को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है. राज्य सराकर ने उनके मासिक वेतन में 5 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है.

पहले भी बदले जा चुके हैं 2 जिलों के नाम

राज्य कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद थे. कैबिनेट बैठक में सबसे बड़ा फैसला अहमदनगर का नाम बदलकर पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी नगर रखना रहा. इससे पहले राज्य सरकार ने औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखा था. लोकसभा चुनाव से पहले अहमदनगर का नाम बदलने से यह राजनैतिक मुद्दा बन सकता है.

इसी जिले में हुआ अहिल्याबाई का जन्म

अहमदनगर का इतिहास काफी पुराना है. यह निजामशाही सुल्तानों की राजधानी भी रहा है. इस शहर की स्थापना निजामशाही वंश के पहले सुल्तान अहमद निजामशाह ने की थी. अहमदनगर को 1637 ई. में बादशाह शाहजहां ने मुगल साम्राज्य में मिला लिया था. अहमदनगर जिले के गांव चौंडी में एक मराठी परिवार में अहिल्याबाई का जन्म हुआ था. इनका विवाह कम उम्र में खंडेराव के साथ हुआ था. अहिल्याबाई ने होल्कर साम्राज्य की सत्ता संभाली थी. इसी से उनका नाम अहिल्याबाई होल्कर पड़ गया था. अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासन काल में मंदिर, घटा, धर्मशालाएं, सड़कें आदि बनवाई थीं.

– एजेंसी