UP News : विनय शंकर तिवारी की कंपनी ने बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में अहम खुलासा, जांच में आए चौंकाने वाले तथ्य

पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी ने बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में अहम खुलासा, जांच में आए चौंकाने वाले तथ्य

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लखनऊ। पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में कई अहम खुलासे हुए हैं। जांच में सामने आया कि बैंकों से कर्ज लेने के बाद गंगोत्री इंटरप्राइजेज की सहयोगी कंपनियों को करोड़ों रुपये दिए गए। कंपनी की निदेशक विनय शंकर तिवारी की पत्नी रीता तिवारी ने 2014 में नियम विरुद्ध इस्तीफा दे दिया, जबकि वह कंपनी की गारंटर थीं।

जांच में पता चला कि कंपनी को 2007 से 2012 के बीच बैंकों ने 1129.44 करोड़ रुपये कर्ज दिया था। गंगोत्री ने मार्च 2016 में सहयोगी कंपनी केएमसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को 35 करोड़ रुपये दिए थे। यह रकम किस लिए दी गयी, यह स्पष्ट नहीं है। गंगोत्री का खाता एनपीए होने के बाद अप्रैल 2016 में केएमसी कंस्ट्रक्शन ने पूरी रकम ब्याज के साथ वापस कर दी, लेकिन इसे ट्रस्ट एंड रिटेंशन (TRA ) खाते में जमा नहीं किया गया। इसे एक्सिस बैंक (Axis Bank) के खाते से भेजने की वजह से कर्ज की अदायगी नहीं की जा सकी।

जांच में पता चला कि गंगोत्री ने सहयोगी कंपनियों को 2011 से 2016 के बीच 270 करोड़ रुपये दिए। वहीं, मार्च 2016 में 119 करोड़ रुपये शेयर में निवेश किये। इसी तरह सहयोगी कंपनी रॉयल इंपायर मार्केटिंग प्रालि ने 2015 से 2017 के बीच गंगोत्री में 200 करोड़ रुपये दिए। यह रकम भी टीआरए खाते (TRA Accounts )  से नहीं दी गयी। गंगोत्री (Gangotri)  की बैलेंस शीट में 2017-18 में बैंकों की अनुमति के बगैर सहयोगी कंपनियों में 118.39 करोड़ रुपये निवेश होने का दावा किया गया।

दिल्ली और नोएडा की संपत्तियां भी होंगी जब्त

ईडी (ED) के अधिकारियों की मानें तो गंगोत्री इंटरप्राइजेज से जुड़े लोगों की संपत्तियां दिल्ली और नोएडा में भी हैं। इनमें कई रिहायशी संपत्तियां और कंपनी का ऑफिस स्पेस शामिल है। ईडी (ED)  के अधिकारी इनका ब्योरा जुटा रहे हैं, जिसके बाद इसे भी जब्त कर लिया जाएगा।

Compiled: up18 News