जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष और मुस्लिम एक्टिविस्ट शेहला राशिद ने कश्मीर में धारा-370 को हटाने को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि धारा-370 हटाने का फैसला सही था और इससे कश्मीर में शांति हुई है। कश्मीर को लेकर राशिद ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि कश्मीर गाजा नहीं है। उन्होंने कश्मीर में हुए बदलाव का श्रेय पीएम मोदी और अमित शाह को दिया है।
सरकार ने कश्मीर मामले में खोजा समाधान
पिछले 10 साल में मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलने वाली एक्टिविस्ट शेहला राशिद ने मोदी सरकार की तारीफ न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए गए एक इंटरव्यू में की। उन्होंने कहा कि भारत विविधिताओं से भरा देश है। ये बात सही है कि यहां मॉब लिंचिंग से कुछ मामले सामने आए… मुसलमानों के खिलाफ कुछ गलत बयानबाजी भी हुई, एक मुस्लिम के रूप में इससे तकलीफ हुई लेकिन इसी सबमें कई साल हो गए। कश्मीर के मामले में सरकार ने समाधान खोजा।
धारा-370 हटने से अच्छे नतीजे आए
जब राशिद से सवाल पूछा गया कि 370 हटाए जाने के वक्त पाकिस्तानी नेरेटिव चलाया गया? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब धारा 370 हटाई गई तब हम पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट नहीं गए, न ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस गए… हम भारत के सुप्रीम कोर्ट गए। जब मैंने अपनी याचिका वापस ली, हम इस बात का अहसास हो गया था कि धारा-370 हटाने के विरोध का कोई मतलब नहीं है। धारा-370 हटने से अच्छे नतीजे आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं यही चाहती हूं कि लोगों को अच्छा जीवन मिले, अधिकार मिले। सरकार ने लोगों को उनके अधिकार दिलाए।
कश्मीर गाजा नहीं है…
राशिद ने कहा कि आज जब कश्मीर को देखती हूं को खुशी महसूस होती है। कश्मीर में हिंसा रोकने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत थी। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने ये करके दिखाया वो भी बिना किसी खूनी संघर्ष या हिंसा के। कश्मीर गाजा नहीं है, यहां लोग केवल विरोध प्रदर्शन में ही शामिल थे।
राशिद ने कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जिस दिन JKNC और बीजेपी में दोस्ती हो जाएगी उस दिन कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाएगा। ये दोनों आपस में जितनी जल्दी दोस्ती करके सरकार बना लेंगे उतनी ही जल्दी राज्य का दर्जा मिल जाएगा।
पहले भी कर चुकी हैं मोदी सरकार की तारीफ
शेहला राशिद ने एक समय तक मोदी सरकार की घोर आलोचक रही हैं। जेएनयू में छात्र राजनीति के दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों को पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने कश्मीर में धारा-370 हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिसे उन्होंने वापस ले लिया था। पिछले कुछ दिनों से राशिद के स्वर बदले हुए नजर आ रहे हैं। इससे पहले 15 अगस्त को भी उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा था कि कश्मीर में मानवाधिकार रेकॉर्ड लगातार सुधर रहे हैं। सरकार ने एक ही कोशिश में कश्मीरियों की पहचान के संकट को खत्म कर दिया। कश्मीर की नई पीढ़ी को अब संघर्ष के माहौल में बड़ा नहीं होना पड़ेगा।
Compiled: up18 News