वृंदावन में ऋतुराज बसंत का रंगों से हुआ स्वागत, ठाकुर बांके बिहारी महाराज संग भक्तों ने खेली अबीर-गुलाल की होली

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मथुरा:  वृंदावन में ऋतुराज का रंगों से स्वागत किया गया। बसंत पंचमी के अवसर पर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में शनिवार की सुबह ठाकुरजी ने भक्तों संग अबीर-गुलाल से होली खेली जिसके बाद ब्रज में 40 दिवसीय होली का आगाज हुआ। सुबह तय समय पर मंदिर के पट खुले लेकिन होली का आनंद लेने को ठाकुर बांके बिहारी महाराज के भक्त घंटों पहले से ही मंदिर के पट खुलने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही मंदिर के पट खुले भक्तों का रेला मंदिर में पहुंच गया।

वास्तविक परिवेश में हीरे जवाहरात धारण कर कमर में गुलाल की पोटली बांध ठाकुरजी ने भक्तों को दर्शन दिए। सेवायतों ने आराध्य के गालों पर गुलाल लगाया और ठाकुरजी का प्रतिनिधित्व करते हुए भक्तों पर जमकर गुलाल उड़ाया। मंदिर में गुलाल के गुबार में सराबोर होने को हर भक्त लालायित नजर आया।

बांकेबिहारी मंदिर के गर्भगृह के समीप ठाकुरजी के प्रसादी गुलाल में सराबोर होने की इच्छा हर भक्त को आगे बढ़ने पर मजबूर कर रही थी। जैसे ही अबीर-गुलाल मंदिर में उड़ा तो भक्तों ने भी होली के रसिया गाकर होली का माहौल बना दिया। इस दौरान ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का परिसर जयकारों से गुंजायमान हो गया।

बसंत पंचमी के दिन ठाकुरजी को पीले पुष्प, गुलाल, केसर, चंदन धारण कराया जाएगा। चालीस दिवसीय होली महोत्सव का शुभारंभ होली का डांढ़ा गाढ़कर व होली के रसिया गायन से शुरू होगा।

ब्रज की होली के प्रमुख कार्यक्रम:-

10 मार्च : फाग आमंत्रण महोत्सव नंदगांव, लड्डू होली बरसाना।
11 मार्च : बरसाना की लठामार होली।
12 मार्च : नंदगांव की लठामार होली।
14 मार्च : श्रीकृष्ण जन्मभूमि, श्री द्वारिकाधीश और बिहारीजी मंदिर की होली।
16 मार्च : गोकुल की छड़ी मार होली।
18 मार्च : फालेन में धधकती आग से निकलेगा पंडा।
19 मार्च : होली।
20 मार्च : नंदगांव, जाब और दाऊजी में हुरंगा।
20 मार्च : चरकुला नृत्य मुखराई।
21 मार्च : गिडोह तथा बठैन में हुरंगा।
23 मार्च : रंग पंचमी फूलडोल मेला खायरा।