यूक्रेन का कहना है कि समझौता कम से कम 120 दिनों तक यानी चार महीनों के लिए लागू किया जाना चाहिए, वहीं रूस इसे 60 दिनों यानी दो महीनों के लिए लागू करना चाहता है.
रूस ने चेतावनी दी है कि अगर पश्चिमी देश अनाज समझौते की मियाद बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें रूस पर लगे प्रतिबंध हटाने होंगे.
शनिवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैयप अर्दोआन ने अनाज समझौता ख़त्म होने से घंटों पहले इसके आगे बढ़ाए जाने की ख़बर का ऐलान किया.
उन्होंने कहा, “वैश्विक खाद्य आपूर्ति के लिए ये समझौते बेहद अहम है. मुझे लगता है कि संयुक्त राष्ट्र तो इसके लिए कोशिश कर ही रहा था, रूस और यूक्रेन ने भी इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ी.”
हालांकि अर्दोआन और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने ही अब तक ये नहीं बताया है कि अनाज समझौते की नई मियाद क्या होगी.
बीते साल जुलाई में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में तुर्की की मदद से रूस और यूक्रेन के बीच अनाज समझौता हुआ था. इसके तहत तहत यूक्रेन में फंसा हज़ारों मैट्रिक टन गेंहू, खाद और अन्य सामान को काले सागर के रास्ते निकाल कर दूसरे मुल्कों तक पहुंचाया जा रहा था.
कोविड महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था में अभी ग्लोबल सप्लाई चेन दुरुस्त हो भी नहीं पाए थे कि रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ ‘विशेष सैन्य अभियान’ छेड़ दिया. इसके बाद अनाज संकट को लेकर चिंता गहराने लगी क्योंकि दुनिया में अनाज का एक बड़ा हिस्सा यूक्रेन में उगाया जाता है.
युद्ध के कारण काले सागर से जहाज़ बाहर निकालना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो गया था क्योंकि वहां रूस ने अपने युद्धपोत तैनात कर दिए थे.
Compiled: up18 News