Ayodhya Ram Temple : कंबोडिया से हल्दी, थाईलैंड की अयोध्या के राजा ने भेजी रज,जोधपुर से आया 600 किलो गाय का घी, प्राण प्रतिष्ठा में होगा प्रयोग

राम मंदिर: कंबोडिया से हल्दी, थाईलैंड की अयोध्या के राजा ने भेजी रज, जोधपुर से आया 600 किलो गाय का घी, प्राण प्रतिष्ठा में होगा प्रयोग

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भगवान श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रस्तावित है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में चर्चा है। इस आयोजन में अपनी सहभागिता के लिए अलग-अलग राज्यों और देश से भगवान राम के प्रति समर्पण अयोध्या पहुंच रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान के जोधपुर से 600 किलो गाय का शुद्ध देसी घी (गोघृत) बैलगाड़ी से गुरुवार की सुबह रामनगरी अयोध्या पहुंचा।

कार सेवक पुरम पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने आरती उतार कर बैलगाड़ियों से आए गाय के घी का स्वागत किया। यह गोघृत पदयात्रा श्री महर्षि सांदीपनि राम धाम गोशाला जोधपुर राजस्थान से 27 नवंबर को चली थी जो अनवरत बैलगाड़ी से यात्रा करते हुए अयोध्या पहुंची है।

यात्रा का स्वागत कर भावुक हुए चंपत राय

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जिन संत महापुरुष के संकल्प से यह को घृत अयोध्या पहुंचा है, उनके प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। हम जोधपुर की धरती को प्रणाम करते हैं। दो नवंबर 1990 को दिगंबर अखाड़ा के सामने जब गोली चली थी। उसमें दो लोग शहीद हुए थे, जिनमें प्रोफेसर महेंद्र अरोड़ा जोधपुर के थे और उनके साथ एक छोटा सा बालक था जो जोधपुर के मथानिया गांव का रहने वाला था। उसका नाम सेठाराम माली था। आज वहीं से यह गोघृत आया है। शायद उनकी आत्माओं ने यह प्रेरणा दी होगी। ये कहते हुए चंपत राय का गला भर आया और उसके आगे वह एक शब्द भी नहीं बोल सके।

भगवान रामलला की पूजा के लिए थाईलैंड के अयोध्या की आई पवित्र रज और कंबोडिया से  हल्दी

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र राष्ट्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि गाय का घी हमारे धर्म संप्रदाय में बहुत पवित्र माना जाता है। हमारा प्रयास होगा कि इस घी से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में यज्ञ हवन आदि संपन्न करें। गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के लिए जब हम बैंकॉक गए थे, हमने देखा कि थाईलैंड की भूमि पर एक अयोध्या बसी है।

उस थाईलैंड की अयोध्या को राजधानी कहते हैं। वहां के राजा को राम कहते हैं। थाईलैंड की अयोध्या के राजा राम ने वहां की रज अयोध्या के लिए भेजी है। प्राण प्रतिष्ठा के कार्य में उसका उपयोग किया जाए, उनका आग्रह है। वह रज अयोध्या आई है। इसके अलावा कंबोडिया से हल्दी भेजी गई है। भगवान श्री राम की सेवा के लिए वह हमने प्राप्त कर ली है। यह बेहद शुभ लक्षण है कि भगवान राम की सेवा में पूरे विश्व से लोग सहयोग कर रहे हैं।