प्रियंका गांधी ने कहा, गाजा पर बेरहम बमबारी की जा रही है, मानवता कहां है?

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उन्होंने गुरुवार को एक्स पर लिखा कि भारत हमेशा न्याय के लिए खड़ा हुआ है और फ़लस्तीनियों के लंबे संघर्ष और उनकी आज़ादी के लिए खड़ा रहा है. उसे ऐसा ही अभी भी करना चाहिए

उन्होंने लिखा, “गाजा पर बेरहम बमबारी की जा रही है आज हालात युद्धविराम से पहले के हालात से भी अधिक बदतर है. खाद्य आपूर्ति मुश्किल से हो रही है, चिकित्सा सुविधाएं नष्ट हो गई हैं और बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. एक पूरा देश मिटा दिया जा रहा है. 16000 लोगों की मौत हो गयी है, इसमें 10000 बच्चे हैं. 60 से ज्यादा पत्रकारों की मौत हो गयी है. हमारी आखों के सामने इन लोगों को मारा जा रहा है, मानवता कहां है? ”

“भारत हमेशा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जो उचित है उसके लिए खड़ा रहा है. हमने दक्षिण अफ्रीका के रंगभेदी शासन के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों के लिए लड़ाई लड़ी, हमने फ़लस्तीन में अपने भाइयों और बहनों की आज़ादी के लिए उनके लंबे संघर्ष का शुरुआत से समर्थन किया, और अब जब नरसंहार हो रहा है तो हम कुछ नहीं कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का सदस्य होने के नाते भारत का ये कर्तव्य है कि वह जो सही है उसके साथ खड़ा रहे. युद्ध विराम को लिए हम जो भी कर सकते हैं, हमें करना चाहिए.”

यूएन ने गाजा मे लगाया अनुच्छेद 99

बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने गाजा में चल रहे युद्ध की गंभीरता को देखते हुए यूएन चार्टर का अनुच्छेद 99 लागू कर दिया.

ये अनुच्छेद संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान माना जाता है. जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के महासचिव “उस मामले को सुरक्षा परिषद के ध्यान में लाते हैं जो उनकी राय में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को ख़तरे में डाल सकता है.” इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सबसे शक्तिशाली प्रावधान माना जाता है.

संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में केवल नौ बार ही इस अनुच्छेद का इस्तेमाल किया गया है और दशकों से इस अनुच्छेद का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

संयुक्त राष्ट्रबीते कई हफ्तों से ग़ज़ा में युद्ध से पैदा हो रही मानवीय तबाही के बारे में चेतावनी दे रहा है और इसे रोकने की अपील कर रह है, लेकिन अब बुधवार को एंटोनियो गुटेरस ने अपने सबसे शक्तिशाली डिस्ट्रेस सिग्नल (संकट संकेतों) में से एक को लागू किया है ताकि सदस्य देशों का ध्यान इस संकट पर केंद्रित किया जा सके और मानवीय युद्धविराम लागू हो.

यूएन काउंसिल के अधिकतर सदस्य युद्ध विराम के समर्थन में हैं लेकिन अमेरिका, जो इसराइल का घनिष्ठ सहयोगी है और यूएन में वीटो रखता है वो इस युद्ध विराम के समर्थन में नहीं है.

गुटेरस ने काउंसिल के सदस्यों को लिखा कि कि “ग़ज़ा में रहने वाला हर एक शख्स गंभीर ख़तरे में जी रहा है क्योंकि कोई भी जगह अब ग़ज़ा में सुरक्षित” नहीं है.

-Compiled by up18 News