बिहार के पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से 30 लोगों की मौत होने के बाद राज्य की राजनीति में कदम जमाने में जुटे चर्चित रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा। प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर शराब की घर-घर होम-डिलीवरी की जा रही है। हजारों करोड़ का अवैध कारोबार हो रहा है, गरीब जनता मर रही है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश इन सब चीजों से बेपरवाह हैं।
प्रशांत किशोर ने जहरीली शराब से मरने वालों की खबर के स्क्रीनशॉट और नीतीश कुमार की तस्वीर ट्वीट की, जिस पर लिखा था- पियोगे तो मरोगे।
इसके साथ ही प्रशांत ने लिखा, ”शराबबंदी के नाम पर घर-घर यानी होम-डिलीवरी, शराब माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से चलने वाला हज़ारों करोड़ का अवैध कारोबार, असहाय जनता और बिहार में बेगुनाह लोगों की दुखद मृत्यु का ना रुकने वाला सिलसिला। और इन सबके बीच बिहार के आत्ममुग्ध और बेपरवाह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।”
शराबबंदी के नाम पर घर-घर “होम-डिलीवरी”, शराब माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से चलने वाला हज़ारों करोड़ का अवैध कारोबार, असहाय जनता और बिहार में बेगुनाह लोगों की दुखद मृत्यु का ना रुकने वाला सिलसिला।
जहरीली शराब से मौत के लिए जिम्मेदार कौन?
बिहार में शराबबंदी पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। एक जमाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रह चुके प्रशांत किशोर (PK) पिछले साल से लगातार शराबबंदी को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी पर सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि अगर शराबबंदी लागू है तो जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत कैसे हो रही है?
उन्होंने पूछा कि जहरीली शराब से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी किसकी है? केवल शराबबंदी का दावा कर देने से कुछ नहीं होता। धरातल पर शराबबंदी नहीं दिख रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा था, मुख्यमंत्री कहते हैं कि शराबबंदी के नाम पर उन्हें महिलाएं वोट देती हैं लेकिन यह खुली सच्चाई है कि शराब की होम डिलीवरी हो रही है। अधिकारी गरीबों को पकड़ते हैं लेकिन अमीर लोग आराम से अंग्रेजी शराब पी रहे हैं।
Compiled: up18 News