हिमाचल प्रदेश पहुंचने से पहले अमृतसर में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मिले पीएम मोदी

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क्या है डेरा ब्यास?

राधास्वामी डेरे का पंजाब के साथ हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में खास महत्व है। इसके अनुयायी देश-विदेश तक फैले हैं। राधास्वामी डेरे की स्थापना 1891 में बाबा जैमल जी ने की थी। इस डेरे ने वैसे तो राजनीति से दूरी बनाकर रखी है, लेकिन बड़े स्तर पर इसके कई नेता समर्थक हैं। कांग्रेस नेता मोहिंदर सिंह केपी भी इसके अनुयायी हैं। पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी कई बार यहां आकर आशीर्वाद ले चुके हैं।

धर्मशाला के पालमपुर के परौर में डेरा ब्यास का सबसे बड़ा आश्रम है। इसकी जमीन को लेकर पिछले कई साल से विवाद चल रहा है। इसके अलावा सोलन में भी इसका बड़ा आश्रम है। इनमें पूर्व और मौजूदा मुख्यमंत्रियों के साथ ही विभिन दलों के दिग्गज नेता अक्सर हाजिरी लगाते रहते हैं। चुनाव आते ही पंजाब और हिमाचल में डेरा ब्यास के आश्रमों में नेताओं का पहुंचना शुरू हो जाता है।

राजनीति से जुड़े दिग्गज लगाते हैं हाजिरी

130 साल पुराना राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक आध्यात्मिक केंद्र है। अमृतसर शहर से 43 किलोमीटर दूर ब्यास नदी के किनारे पर बनाया गया है। वर्तमान में दुनिया के 90 देशों तक डेरे का विस्तार किया जा चुका है, जिसका किसी राजनीति दल से कोई सरोकार नहीं है।
राजनीति से जुड़े कई दिग्गज डेरा ब्यास में हाजिरी लगाते हैं। यही वजह है कि डेरा ब्यास राजनीति से जुड़े दिग्गजों के लिए महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उनके यहां पहुंचने के बाद राजनीतिक मायने भी तलाशे जाते हैं। पंजाब चुनाव से पहले जब पीएम नरेंद्र मोदी राधा स्वामी सत्संग डेरा के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात करने पहुंचे थे तब भी इसके कई मायने निकाले गए थे।

कौन हैं गुरिंदर सिंह ढिल्लों?

बाबा गुरिंदर सिंह राधा स्वामी ब्यास के पांचवे प्रमुख हैं। पिछले 32 सालों से वह डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इनसे पहले बाबा जैमल सिंह (1891-1903), महाराज सावन सिंह (1903-1948), महाराज जगत सिंह (1948-1951), महाराज चरण सिंह (1951-1990) डेरा प्रमुख रहे चुके हैं।

बाबा गुरिंदर सिंह का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ और शुरुआती दौर की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश में हुई। इनका परिवार खेती-किसानी से जुड़ा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए पंजाब आए और पंजाब यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। बाबा गुरिंदर सिंह के दो बेटे हैं गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों और गुरुकीरत सिंह ढिल्लों।

मुख्यमंत्री भी लगा चुके हैं हाजिरी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी धर्मशाला और सोलन के राधा स्वामी सत्संग में कई बार शिरकत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री कई मौके पर डेरा ब्यास की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि डेरा ब्यास हिमाचल में नौजवानों को नशा मुक्त करने के लिए बेहतरीन काम कर रहा है। जयराम ठाकुर से पहले मुख्यमंत्री रहे दिवगंत वीरभद्र सिंह भी डेरा के पक्ष में फैसले ले चुके हैं।
2017 के चुनाव से पहले अपनी कैबिनेट की आखिरी बैठक में उन्होंने डेरों को दान में मिली अतिरिक्त जमीन बेचने की छूट देने का फैसला किया था। तब उन पर डेरा ब्यास के हित में फैसला करने का आरोप लगा था लेकिन डेरा ब्यास पर इतनी बड़ी मेहरबानी भी वीरभद्र सरकार की हार नहीं टाल सकी।

पीएम मोदी का दौरा क्यों महत्वपूर्ण?

पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश का चुनावी दौरे काफी महत्वपूर्ण है। वह 5 नवंबर को हिमाचल के सुंदरनगर और सोलन में रैलियों को संबोधित करेंगे. यहां पीएम मोदी पहले सुंदरनगर में और फिर दोपहर के बाद सोलन में जनसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले पीएम मोदी के डेरा ब्यास जाकर इसके प्रमुख से मुलाकात करने के खास मायने हैं. इसके जरिए पीम मोदी राज्य में डेरा के अनुयायियों को खास राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं.
डेरा ब्यास के पैरोर स्थित आश्रम विवादों में घिरा हुआ है। इस पर 648 कनाल भूमि पर चाय बागान को खत्म करके वहां राज्य सरकार की अनुमति के बिना बड़े शेड का निर्माण करने का आरोप है। इसकी शिकायत हिमाचल हाईकोर्ट में की गई है। हाई कोर्ट के निर्देश पर इसकी जांच भी चल रही है। ऐसे में पीएम मोदी के डेरा मुखी से मुलाकात इसके अनुयायियों को एक सकारात्मक संदेश देगा। साथ ही चुनाव में बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

-Compiled: up18 News