पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने शुक्रवार देर रात राष्ट्र को संबोधित किया. शहबाज़ शरीफ़ ने देर रात क़रीब 10 बजकर 55 मिनट पर राष्ट्र को संबोधित किया और एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा की.
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की यह घोषणा इसलिए अहम है क्योंकि बीते कुछ समय से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
इस घोषणा के एक दिन पहले ही पाकिस्तान में सब्सिडी हटाते हुए पेट्रोल, डीज़ल और केरोसीन की क़ीमत में 30 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है.
शुक्रवार देर रात को प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने 28 अरब रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की. हालांकि उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की क़ीमतों में वृद्धि को ‘देश को आर्थिक दिवालियेपन’ से बचाने के लिए ज़रूरी बताया.
हर महीने 8.5 करोड़ लोगों को दिए जाएंगे दो हज़ार रुपये
इसके तहत, 1.4 करोड़ परिवार जो कि एक-तिहाई आबादी हैं, उन्हें सहायता के रूप में हर महीने 2000 रुपए दिए जाएंगे.
इसके अलावा बेनज़ीर भुट्टो सहायता कार्यक्रम के तहत मिलने वाली सहायता भी जारी रहेगी.
आटे की क़ीमतों को नियंत्रित करते हुए घोषणा में कहा गया है कि यूटिलिटी स्टोर्स कॉर्पोरेशन को यह निर्देश दिया है कि वे 10 किलो आटे का थैला 400 रुपए में देना सुनिश्चित करें.
अपने संबोधन में उन्होंने पूर्व की इमरान ख़ान सरकार की आर्थिक नीतियों पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने आर्थिक चार्टर की भी बात कही और दूसरे दलों-विपक्ष से इस कठिन दौर में साथ आकर, देश की तरक्की को ध्यान में रखते हुए काम करने का आह्वान किया.
पूर्व पीएम इमरान ख़ान के फ़ैसलों की आलोचना
शहबाज़ शरीफ़ ने पूर्व सरकार की विदेश नीतियों की भी आलोचना की और कहा कि ग़लत नीतियों के कारण पाकिस्तान के मित्र देश उससे दूर हुए हैं.
रेडियो पाकिस्तान की ख़बर के अनुसार शहबाज़ शरीफ़ ने समाज के निम्न-आय वर्ग के लोगों पर पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ी क़ीमतों के पड़ने वाले असर को कम करने के लिए 28 अरब रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है.प्रधानमंत्री ने बताया कि इस वित्तीय सहायता को अगले वित्तीय बजट में शामिल भी किया जाएगा.
पूर्व की इमरान ख़ान सरकार पर हमलावर होते हुए शरीफ़ ने कहा कि पिछली सरकार ने राष्ट्रीय ख़ज़ाने की स्थिति पर बिना ध्यान दिए अपने राजनीतिक लाभ के लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी की घोषणा की, जिसके कारण मौजूदा समय में देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
शहबाज़ शरीफ़ ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने 20 हज़ार अरब रुपये से अधिक का क़र्ज़ का बोझ डाला है जो कि बीते 71 सालों में कुल क़र्ज़ का 80 फ़ीसद है.
चालू वित्त वर्ष के लिए बजट घाटा 5600 अरब रुपये रहने का अनुमान है.
विदेश नीति का ज़िक्र
पाकिस्तान की विदेश नीति का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चार साल पाकिस्तान की विदेश नीति के लिए बहुत बुरे साबित हुए हैं. पाकिस्तान के अपने मित्र देशों से संबंध में गिरावट आई है.
अपनी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि मित्र देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में काम शुरू हो चुका है.
शहबाज़ शरीफ़ ने अमेरिका के संदर्भ में यह बात कही. इमरान ख़ान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए झूठ बोला और ‘विदेशी-षड्यंत्र’ का भ्रम फैलाने की कोशिश की.
शहबाज़ शरीफ़ ने ज़ोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने संविधान के आधार पर आगे बढ़ेगा, ना की किसी व्यक्तिगत सोच से.
राहत पैकेज की आलोचना
शहबाज़ शरीफ़ की घोषणा के बावजूद पाकिस्तान में पेट्रोल-डीज़ल की गुरुवार रात से बढ़ी क़ीमतों की ही सबसे अधिक चर्चा हो रही है. ट्विटर ट्रेंड्स में नंबर एक ट्रेंड पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतें ही हैं. वहीं विपक्ष ने शहबाज़ शरीफ़ पर निशाना भी साधा है.
इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है- “पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी पीएम की सबसे ख़राब बॉडी लैंग्वेज थी. कितनी शर्मिंदगी थी. पाकिस्तान, हमें माफ़ करना. इस तरह देश का मज़ाक उड़ता देखने के बाद इमरान ख़ान को उस कुर्सी पर वापस लाने का हमारा लक्ष्य और मज़बूत हो गया है.” इसके साथ उन्होंने #CrimeMinisterRejected टैग इस्तेमाल किया है जो कि पाकिस्तान में ट्रेंड कर रहा है.
पीटीआई के फ़ारूख़ हबीब ने दावा किया है कि शहबाज़ शरीफ़ ने जो भी वादे किये हैं, वो सरासर झूठ हैं.
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री तैमूर ख़ान झागरा ने भी राहत पैकेज पर सवाल उठाए हैं.
चौधरी फ़वाद हुसैन ने ट्वीट किया है कि शहबाज़ शरीफ़ का संबोधन, एक हारे हुए शख़्स का संबोधन था.
इससे पहले पेट्रोल-डीज़ल के बढ़े दामों पर इमरान ख़ान ने शहबाज़ शरीफ़ सरकार पर हमला बोला था और भारत की तारीफ़ की थी. इमरान ख़ान ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ‘विदेशी मालिकों के सामने आयातित सरकार की ग़ुलामी की क़ीमत अब चुकाने लगा है.’
उनके अनुसार “इसके चलते पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों में अब 20% या 30 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो गई, जो देश के इतिहास में एक बार में की गई सबसे तेज़ बढ़ोत्तरी है.”
इमरान ख़ान ने शरीफ़ सरकार को अक्षम और असंवेदनशील बताते हुए दावा किया कि सरकार ने 30% सस्ते तेल के लिए रूस के साथ किए हमारे क़रार को आगे नहीं बढ़ाया.
उन्होंने भारत की तारीफ़ करते हुए लिखा था, “इसके विपरीत अमेरिका का सामरिक साझेदार भारत रूस से सस्ता तेल ख़रीदकर, ईंधन की क़ीमतें 25 रुपए कम करने में सफल रहा है. अब हमारा देश ठगों के गुट के चलते महंगाई की एक और डोज़ से जूझेगा.”
पाकिस्तान की बुरी स्थिति
शहबाज़ शरीफ़ सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तभी से पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रहा था और उनके सामने राजनीतिक चुनौतियों के साथ सबसे बड़ी चुनौती यही है.
दुनिया में जिन देशों में खाने-पीने की चीजों की कीमतें बहुत अधिक बढ़ी हुई हैं उनमें पाकिस्तान भी शुमार है. पाकिस्तान को अपनी ऊर्जा और खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है.
पाकिस्तान में नई सरकार के आने के बाद महंगाई घटने की उम्मीद जताई गई थी लेकिन अर्थशास्त्रियों ने उसी वक़्त चेतावनी दी थी कि यह कम नहीं होने जा रही है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान पहले ही कह चुका है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बनी रहेगी.
देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के अनुसार देश में ऊंची महंगाई दर की वजह अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल और दूसरे उत्पादों की ऊंची कीमतें हैं. पाकिस्तान को स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए उनके आयात पर निर्भर रहना पड़ता है. वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये के विनिमय दर में तेज़ गिरावट से भी देश में महंगाई बढ़ रही है.
-एजेंसियां
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.