भारत का असर: पाकिस्‍तान में भी सऊदी विदेश मंत्री ने नहीं लिया कश्मीर का नाम

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विश्‍लेषक इस बदलाव को भारत के बढ़ते कद और पीएम मोदी तथा सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान की गहराती दोस्‍ती से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल, पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री के साथ सऊदी विदेश मंत्री ने प्रेस कॉन्‍फेंस की। इसमें पाकिस्‍तान में निवेश और गाजा में हालात पर उन्‍होंने बात की लेकिन कश्‍मीर को लेकर कोई जिक्र नहीं हुआ।

अब तक पाकिस्‍तान की कोशिश रहती थी कि सऊदी अरब कश्‍मीर का जिक्र करे ताकि भारत पर दबाव को बढ़ाया जा सके। वहीं विश्‍लेषकों का यह भी कहना है कि पाकिस्‍तान को पता था कि कश्‍मीर पर अब उसे मनचाहा जवाब सऊदी अरब से नहीं मिलेगा, इसी वजह से उसने इससे परहेज किया।

कश्‍मीर पर क्‍या बोला था सऊदी अरब ?

इससे पहले सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान और पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज शरीफ के बीच मुलाकात के बाद जारी संयुक्‍त बयान में भी कश्‍मीर पर भारत के रुख को ही सऊदी ने एक तरह से सपोर्ट किया था। सऊदी प्रिंस ने पाकिस्‍तान और भारत से कहा था कि वे अपने लंबित मुद्दों का द्विपक्षीय तरीके से समाधान करें।

बयान में कहा गया था, ‘दोनों पक्षों ने भारत और पाकिस्‍तान के बीच बातचीत के महत्‍व पर जोर दिया ताकि दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों का समाधान किया जा सके। इसमें खासतौर पर जम्‍मू-कश्‍मीर विवाद ताकि पूरे इलाके में शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।’

भारत का लंबे समय से कहना है कि पाकिस्‍तान के साथ उसका द्विपक्षीय विवाद है और किसी तीसरे पक्ष की मध्‍यस्‍थता का सवाल ही नहीं है। बता दें कि भारत और पाकिस्‍तान दोनों का अरब देशों के साथ दोस्‍ताना रिश्‍ता रहा है और पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसमें और ज्‍यादा मधुरता आई है। सऊदी अरब अब कश्‍मीर को लेकर अब संतुल‍ित रवैया अपना रहा है।

सऊदी अरब ने अनुच्‍छेद 370 को कश्‍मीर से हटाने पर चिंता जताई थी लेकिन मोदी सरकार के कदमों की निंदा नहीं की थी। पिछले दिनों सऊदी अरब के प्रिंस भारत की यात्रा पर भी आए थे लेकिन वह पाकिस्‍तान नहीं गए थे। अब कहा जा रहा है कि एमबीएस पाकिस्‍तान की यात्रा पर जाएंगे।

-एजेंसी