एजेंडा के तहत की गई हिंसा, ओवैसी व मदनी जिम्‍मेदार: जमाअत उलेमा-ए-हिंद

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नई दिल्‍ली। पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के विरोध में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद 12 राज्यों में हिंसा हुई थी। देश के प्रमुख इस्लामी संगठन जमाअत उलेमा-ए-हिंद ने इस हिंसा के लिए AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना अरशद मदनी को जिम्मेदार ठहराया है।

जमाअत के अध्यक्ष सुहैब कासमी ने कहा, ‘हम असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी के खिलाफ फतवा जारी करेंगे। सुहैब कासमी का कहना है कि ओवैसी और मदनी जैसे लोगों ने युवाओं को भड़काया।’

देशभर में हुआ प्रदर्शन एजेंडा लगता है

कासमी ने आगे कहा- ओवैसी और मौलाना मदनी की बयानबाजी से युवाओं को भड़काना एक ही अंदाज में प्रदर्शन का एजेंडा लगता है। देशभर में हुई हिंसा में शामिल आरोपियों पर एक्शन जारी है, लेकिन प्रयागराज से लेकर रांची तक हुई हिंसा का एक मॉड्यूल सामने आया है। इस हिंसा में देश को तोड़ने की साजिश करने वालों का हाथ लगता है। AIMIM सांसद ओवैसी मुस्लिमों के नाम पर मलाई खा रहे हैं। देश की मौजूदा सरकार में ओवैसी की कमाई नहीं हो रही है।

प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड पर कार्रवाई

प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद उर्फ पंप के घर को जमींदोज कर दिया गया है। प्रशासन ने करीब साढ़े चार घंटों तक 3 बुलडोजर और पोकलेन मशीन से जावेद के मकान को ढहा दिया। बता दें कि गौसनगर इलाके में मास्टरमाइंड जावेद का आलीशान घर था। बुलडोजर चलाने से पहले घर के कुछ सामान को हटाने की इजाजत दी गई। दोपहर करीब 12:35 मिनट से शुरू हुआ बुलडोजर एक्शन 4 घंटे लगातार चला।

MRM की मांग- हिंसा में शामिल लोगों को इस्लाम से बाहर किया जाए

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने रविवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा की निंदा की। MRM ने मांग की है कि इस हिंसा में भाग लेने वाले लोगों को इस्लाम से बाहर कर दिया जाए। इन लोगों ने न सिर्फ धर्म को बदनाम किया बल्कि मुसलमानों को शर्मसार भी किया है।

-एजेंसी