PMLA के तहत ED की चार्जशीट में पहली बार कांग्रेस की प्रियंका वाड्रा का नाम

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक प्रियंका ने 2006 में हरियाणा के फरीदाबाद में 5 एकड़ की खेती की जमीन खरीदी। प्रियंका ने ये जमीन दिल्ली के रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से खरीदी। फरवरी 2010 में इस जमीन को पाहवा को ही बेच दिया।

ED के मुताबिक यह जमीन फरीदाबाद के अमीपुर गांव में पाहवा से खरीदी गई थी। इसी एजेंट से प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी 2005-2006 में अमीपुर गांव में 40.08 एकड़ जमीन के तीन टुकड़े खरीदे और उसे दिसंबर 2010 में एजेंट को ही बेच दिया।

प्रियंका का मामला चार्जशीट में क्यों शामिल हुआ

एजेंट पाहवा वही व्यक्ति है, जिसने एनआरआई कारोबारी सीसी थंपी को भी जमीन बेची थी। एक बड़े मामले में भगोड़ा हथियार डीलर संजय भंडारी भी शामिल है, जिसकी कई एजेंसियां मनी-लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा और कालेधन कानूनों के उल्लंघन और आधिकारिक गोपनीयता कानून (ऑफिशियल सीक्रेट) जांच कर रही है।

भंडारी 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग गया था। थंपी पर ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा के साथ मिलकर भंडारी को अपराध की कमाई छिपाने में मदद करने का आरोप है। ED ने पहले चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी शामिल किया था। रॉबर्ट पर थंपी का करीबी होने का आरोप लगाया था।

थंपी ने बताया था- मैं और रॉबर्ड वाड्रा गहरे दोस्त

थंपी और उसके भारतीय सहयोगियों के खिलाफ विदेशी मुद्रा मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच चल रही है। यह भी पाया गया कि थंपी ने पाहवा से 2005 से 2008 के बीच करीब 486 एकड़ जमीन फरीदाबाद के अमीपुर में खरीदी।

चार्जशीट में ये भी कहा गया है कि भारत के कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के नाम से 1 नवंबर 2007 को ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग कंपनी प्रा. लि. रजिस्टर्ड थी, जो बाद में लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) में बदल गई। इसके बावजूद ईमेल हमेशा [email protected] id ही इस्तेमाल होता रहा।

ईडी ने चार्जशीट में ये भी बताया, थंपी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच गहरी दोस्ती थी। ये केवल व्यक्तिगत तौर पर नहीं थी, बल्कि उनके कॉमन बिजनेस भी थे। थंपी को 2020 में गिरफ्तार किया गया था। उसने ईडी को बताया था कि मैं रॉबर्ट वाड्रा को 10 साल से ज्यादा वक्त से जानता हूं। हम वाड्रा के यूएई दौरे में और दिल्ली में कई बार मिल चुके हैं।

– एजेंसी