आगरा: होम्योपैथिक सेमिनार का हुआ आयोजन, चिकित्सकों ने कहा- मीठी गोली में है हर मर्ज की दवा

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आगरा: होम्योपैथिक दिवस के उपलक्ष्य में आरोग्य भारती एवं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ होम्योपैथिक फिजीशियन की ओर से होम्योपैथिक सेमिनार का आयोजन किया गया। होटल अमर में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में विशेष अतिथि के रुप में डॉक्टर विजय कुमार पुष्कर संयुक्त सचिव होम्योपैथिक निदेशालय उत्तर प्रदेश मौजूद रहे। इस सेमिनार का शुभारंभ डॉ अशोक वासन राष्ट्रीय संगठन सचिव आरोग्य भारती ने किया।

इस सेमिनार में डॉक्टर दीपक शर्मा जो दिल्ली से आये थे, उन्होंने होम्योपैथिक क्षेत्र में हो रहे शोध पर अपना शोध भी प्रस्तुत किया। वह महिलाओं से जरूरी बीमारियों पर शोध कर रहे हैं। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक दीपक शर्मा ने बताया कि आज उन्होंने अपनी कई केस स्टडी से संबंधित शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। वह पीसीओएस पर शोध कर रहे है जो महिलाओं से जुड़ी हुई। इस पर बात करना महिलाओं को अच्छा नहीं लगता लेकिन हमारी शोध के मुताबिक होम्योपैथिक के माध्यम से इस बीमारी के कई मरीज ठीक हो चुके हैं। अगर हम समय से इलाज ले लें तो बीमारी का संपूर्ण इलाज और समाधान होम्योपैथी में है।

क्या है पीसीओएस

पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है और इस समय पूरी दुनिया में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। पीसीओएस की वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर इसे जीवनशैली से जुड़ा रोग माना जाता है लेकिन अभी तक इसके होने के पीछे मुख्य कारणों का पता नहीं चल पाया है। इस समस्या को पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOS) नाम से भी जाना जाता है। कुछ महिलायें पीसीओएस और पीसीओडी दोनों नाम को लेकर दुविधा में पड़ जाती हैं जबकि ये दोनों एक ही है।

मीठी गोली कर रही असाध्य रोगों का इलाज

होम्योपैथिक चिकित्सकों का कहना है कि अगर नियम से दवा खाई जाए तो होम्योपैथी की मीठी गोली में हर मर्ज की दवा है। साथ ही इसका इलाज भी बेहद सस्ता है। लेकिन, होम्योपैथी इलाज में लोगों को सब्र करने की जरूरत है। चर्म रोग की सबसे अधिक अच्छी दवा होम्योपैथी में ही हैं। इन दवाओं का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है। बताया कि किडनी स्टोन, पित्ताशय की सिंगल पथरी, गर्भाशय का ट्यूमर, स्तन की गांठ, शरीर पर होने बाले मस्से, चर्म रोग, एलर्जी, शुरुआती अवस्था में पता लगने वाला हार्निया, बुखार, जुकाम आदि के मामलों में होम्योपैथी से सफल इलाज हुए हैं।