समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के पत्रकारों पर छापेमारी को लेकर विपक्षी नेताओं ने दी प्रतिक्रिया

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अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- “ये कोई नई बात नहीं है. ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा डाले हैं छापे लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ हर महीने ‘मित्र चैनलों’ को दिए जा रहे हैं ये भी तो कोई छापे!”

समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक पर एक नया मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की है. कुछ समय पहले ही इस न्यूज़ पोर्टल पर चीन से फ़ंडिंग लेने के आरोप लगे थे और ईडी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.

कई पत्रकारों को पुलिस अपने साथ भी ले गई है. हालांकि, किसी को गिरफ़्तार किए जाने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि न्यूज़क्लिक से संबंधित 30 से ज़्यादा स्थानों पर छापेमारी की गई है.

राज्य सभा सांसद और राजद नेता मनोज झा ने कहा, “मैं समझता हूं कि इससे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई ठीक गांधी जयंती के बाद कोई नहीं हो सकती थी. क्यों कह रहे हैं आप दिल्ली पुलिस? ये गृह मंत्री के अंदर है, उनकी मर्जी के बगैर पत्ता हिलता है? जो लोग आपसे सवाल पूछे, जो लोग आपकी भजन मंडली में शामिल होने से इंकार कर दे, आप उनके साथ ये करते हैं, ये आपका स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर हो गया गया है.”

उन्होंने कहा- “एक फ़ासिस्ट स्टेट के जितने अवयव होते हैं, वो सब आप में हैं. क्या नज़ीर पेश कर रहे हैं. अगर मैं आपातकाल के उस छोटे से दौर को छोड़ दूं तो आज तक आज़ाद हिंदुस्तान में किसी भी सरकार ने अपनी आलोचना करने वालों के प्रति इस प्रकार की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई नहीं की है.

राज्यसभा सांसद ने कहा, “कौन-कौन से लोग हैं, कितना लंबा उनका करियर है, किस तरह उन्होंने एक चिंतक के रूप में न सिर्फ़ पत्रकार के रूप में…उर्मिलेश जी हों, सोहैल हों, अभिसार हों, प्रबीर हों, भाषा हों…क्या है आपको? ये नहीं कहते हैं कि राजा तेरे सुबह की जय, राजा तेरे शाम की जय…आज की कार्रवाई इतिहास में दर्ज होगी, प्रतिकार सड़कों पर होगा.

मनोज झा ने कहा- “कल जातिगत सर्वेक्षण की रिपोर्ट आई है बिहार में, आपकी चूलें हिली हुई हैं. जमीन खिसक रही है. आज आपने ये कार्रवाई की. थोड़ी देर हेडलाइन मैनेजमेंट भी हुआ. ये भारी पड़ेगा.”

वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “भारत सरकार विदेशों में दावा करती है कि भारत लोकतंत्र की जननी है और यहां प्रेस फ़्रीडम है लेकिन ठीक उसी समय मुट्ठी भर बचे स्वतंत्र मीडिया आउटलेट्स के ख़िलाफ़ सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करती है. यहां तक कि टेलीफ़ोन डिवाइस छीन लिए गए ताकि आगे फ़िशिंग हो. गैरकानूनी गिरफ़्तारियां और बाद मे फ़र्जी आरोप लगाना, ये बार-बार का पैटर्न है और चिंताजनक है.”

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “न्यूज़क्लिक से जुड़ी पत्रकारों पर सुबह-सुबह छापेमारी बिहार जातिगत सर्वेक्षण से ध्यान भटकाने का ताजा मामला है. क्योंकि देश में जातिगत जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है. जब उनके पास सिलेबस से बाहर का सवाल आ जाता है तो वो सिर्फ़ एक ही सिलेबस का सहारा लेते हैं-ध्यान भटकाओ.”

Compiled: up18 News