‘अटारी-वाघा’ का बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा शुरू

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बीएसएफ ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए https://attari.bsf.gov.in/ लिंक जारी किया है। सीमा सुरक्षा बल का बीटिंग रिट्रीट समारोह 1959 से आयोजित किया जा रहा है। ‘अटारी-वाघा’ सीमा पर यह समारोह, रोजाना सूर्यास्त से पहले आयोजित होता है। इस समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक, अमृतसर पहुंचते हैं। प्रतिदिन आयोजित होने वाली रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लेने के लिए दर्शकों को दोपहर बाद साढ़े तीन बजे वहां पहुंचना होता है। समारोह की अवधि एक से दो घंटे तक रहती है। बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने के लिए दर्शकों को मौजूदा समय में मैनुअली रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। विशेष अवसरों पर वहां लंबी कतार लग जाती है।

ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने के बाद लोगों को काफी राहत मिल जाएगी। वे कहीं से भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद सीमा स्तंभ संख्या 102 के पास एतिहासिक शेर शाह सूरी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड पर ‘अटारी-वाघा’, संयुक्त चेक पोस्ट ‘जेसीपी’ स्थापित की गई थी। भारत की तरफ वाले गांव को ‘अटारी’ कहा जाता है। यह महाराजा रणजीत सिंह की सेना के जनरलों में से एक, सरदार शाम सिंह अटारीवाला का पैतृक गांव था। पाकिस्तान की तरफ वाला द्वार, वाघा के नाम से जाना जाता है। जैसे भारत में ‘अटारी बॉर्डर’ कहा जाता है, उसी तरह पाकिस्तान में इसे ‘वाघा बॉर्डर’ के नाम से पहचाना जाता है।

इस समारोह के आयोजन के लिए दोनों देशों की सरकारों ने सहमति जताई थी। 1947 में भारतीय सेना को दोनों देशों को मिलाने वाले एनएच-1 पर स्थित संयुक्त चेक पोस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। प्रारंभ में सेना की कुमाऊं रेजीमेंट ने जेसीपी के लिए पहली टुकड़ी प्रदान की थी। 11 अक्तूबर 1947 को ब्रिगेडियर मोहिंदर सिंह चोपड़ा द्वारा पहला ध्वजारोहण समारोह देखा गया था। अब अटारी में बने भव्य परिसर के निकट, सुपर किंग एयर बी-200 विमान (अब सेवा में नहीं) को स्थापित किया गया है। इसके अलावा दर्शकों के लिए सेल्फी स्टैंड भी बनाया गया है।

Compiled: up18 News