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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बयान पर CM योगी का पलटवार, बोले- उनको भी गंगा में डुबकी लगाने के लिए आना ही पड़ेगा

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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के “गंगा में डुबकी लगा लेने से गरीबी दूर नहीं होगी” वाले बयान से सियासी घमासान छिड़ गया है। भाजपा के नेता खरगे के इस बयान पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला बोला है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर प्रतिक्रीया दी। उन्होंने कहा, “नेता हैं और कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। देर-सवेर उनको भी डुबकी लगाने के लिए आना ही पड़ेगा।” उन्होंने कहा, “अब वो (खरगे) खीझ मिटाने के लिए कुछ तो बोलेंगे ना। जब उम्र बढ़ती है तो व्यक्ति सच के करीब आता जाता है।”

सीएम योगी ने पूछा- “उनको (खरगे को) इस सच को भी उजागर करना चाहिए कि उनके परिवार के साथ देश की आजादी के तत्काल बाद हैदराबाद के निजाम के रजाकारों ने क्या व्यवहार किया था। हैदराबाद के निजाम और उसके रजाकार कौन थे, इस सच्चाई को जिस दिन वह स्वीकार करके जनता जनार्दन के सामने बोलेंगे। खड़गे जी उस दिन संभल की सच्चाई को भी स्वीकार कर लेंगे।”

बता दें कि देश की आजादी के बाद 1947 में करीब 500 रियासतों के भारत में विलय के समय जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद को लेकर थोड़ी समस्या आयी थी। इस दौरान हैदराबाद में निजाम का शासन था और वहां विद्रोह भी हुआ। इस पर तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल के आदेश पर तीन चले ऑपरेशन पोलो के बाद हैदराबाद का भारत में विलय हो पाया था।

हालांकि, भारत में विलय से पहले निजाम की सेना ने भारत में शामिल होने का समर्थन करने वाले आम नागरिकों पर अत्याचार किए थे। इनमें से ज्यादातर लोग गैर-मुस्लिम ही थे, जो हिंसा का शिकार बने। बता दें कि निजाम की सेना को रजाकार कहा जाता था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी एक बार बता चुके हैं कि जब वह छोटे थे तो रजाकारों की भीड़ ने उनके घर पर हमला कर दिया था और आग लगा दी। इसमें उनकी मां, बहन और परिवार के अन्य लोग जिंदा जल गए। इस घटना के समय वह घर के बाहर खेल रहे थे। उनके पिता खेत में काम कर रहे थे।

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