अब कोई एक व्यक्ति नहीं बन सकता टाटा संस और टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन

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टाटा ट्रस्ट में करीब एक दर्जन चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं। इनमें से सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की टाटा संस में 28 फीसदी और सर रतन टाटा ट्रस्ट की 24 फीसदी हिस्सेदारी है। इस कंपनी की दुनियाभर में 286 कंपनियां हैं। जानकारों का कहना है कि इससे भविष्य में मिस्त्री जैसे विवाद से बचने में मदद मिलेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्रुप में किसी एक व्यक्ति का दबदबा नहीं रहेगा और ग्रुप प्रोफेशनल तरीके से काम कर सकेगा।

टाटा-मिस्त्री विवाद

शापूरजी पलौंजी समूह की टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है। पालोनजी मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था लेकिन चार साल बाद 2016 में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया था। तभी से उनकी टाटा समूह के साथ ठनी हुई थी। टाटा समूह ने टाटा संस में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खुद खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए मिस्त्री परिवार तैयार नहीं था। यह मामला कोर्ट में भी पहुंचा था जिसने टाटा के पक्ष में फैसला दिया था।

-एजेंसी