टीवी पत्रकार और एंकर दीपक चौरसिया के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। चौरसिया पर साल 2013 में 10 वर्षीय नाबालिग और उसके परिवार का कथित तौर पर अश्लील और एडिटेड वीडियो ऑन एयर चलाने का आरोप है। इसी मामले में दीपक चौरसिया को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुए।
दीपक चौरसिया के वकील ने हवाला दिया कि उसी दिन पहले से ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू शेड्यूल था, जिसकी वजह से वो कोर्ट नहीं आ पाए। हालांकि गुरुग्राम के एडिशनल सेशन जज शशि चौहान ने चौरसिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
दीपक चौरसिया के वकील बोले, योगी का इंटरव्यू था इसलिये नहीं आए
दीपक चौरसिया के एडवोकेट ने न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन लगाया, लेकिन कोर्ट ने नोट किया कि एप्लीकेशन के साथ चौरसिया या उनके एडवोकेट का कोई एफिडेविट नहीं था। इसके अलावा न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से छूट से जुड़ा कोई डॉक्यूमेंट्री प्रूफ भी नहीं था। वकील ने कहा कि दीपक चौरसिया जानबूझकर कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए, बल्कि उन्हें योगी सीएम का इंटरव्यू करना था।
यूपी सरकार का गोपनीय पत्र दिखाया, जज ने जताई आपत्ति
वकील ने यूपी सीएम के अफसर की तरफ से इस संबंध में भेजा पत्र भी दिखाया, लेकिन कोर्ट ने नोट किया कि वह पत्र चौरसिया के नाम संबोधित नहीं था। इसके अलावा दीपक चौरसिया के वकील ने यूपी सरकार का जो पत्र कोर्ट में पेश किया वह कॉन्फिडेंशियल यानी गोपनीय था। न्यायालय ने इस पर भी तीखी आपत्ति जताई और कहा कि जो पत्र गोपनीय था, उसको न्यायालय में कैसे पेश किया गया।
दीपक चौरसिया के खिलाफ दूसरा वारंट
दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष के वकील ने दलील दी कि दीपक चौरसिया उस दिन भी न्यायालय में पेश नहीं हुए थे जिस दिन मामला दर्ज हुआ था क्योंकि जानबूझकर सुनवाई में देरी करना चाहते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दीपक चौरसिया का बेल बॉन्ड और श्योरिटी बॉन्ड कैंसिल कर दिया। आपको बता दें कि दीपक चौरसिया के खिलाफ यह दूसरा वारंट है। इससे पहले 28 अक्टूबर को उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन हेल्थ ईशू का हवाला देकर पेश नहीं हुए थे। तब भी कोई दस्तावेज नहीं सौंपा था इसीलिये वारंट जारी हुआ था।
Compiled: up18 News
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