पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में जांच के लिए पहुंची NIA की टीम पर हमला

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स्थानीय लोगों ने बताया कि एनआईए ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो स्थानीय लोगों बलाई माइती और मनोब्रत मजूमदार को गिरफ्तार किया था.

उनको अपने साथ ले जाने की कोशिश करने के दौरान स्थानीय लोगों से टकराव हुआ था. प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह सब मुख्यमंत्री के इशारे पर हुआ है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों पर होने वाले हमलों को चिंताजनक बताते हुए दावा किया कि हमला तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने किया, स्थानीय लोगों ने नहीं.

इससे पहले उत्तर 24-परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के घर पहुंची ईडी की टीम पर भी हमला हुआ था और उसके तीन अधिकारी घायल हो गए थे.

क्या था मामला

साल 2022 में दो दिसंबर को भूपतिनगर ग्राम पंचायत इलाके के एक गांव में रात 11 बजे हुए विस्फोट में तृणमूल कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष राजकुमार मन्ना, उनके भाई देवकुमार मन्ना और विश्वजीत गाएन की मौत हो गई थी.

पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में अदालत ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया था.
एनआईए ने टीएमसी के दो नेताओं को समन भेजा था लेकिन उनके हाजिर न होने की वजह से एनआईए की टीम उनकी तलाश में आज मौके पर पहुंची थी.

उनको साथ ले जाते समय ही उत्तेजित लोगों ने अधिकारियों की कार को घेर लिया और दोनों को छोड़ने की मांग करने लगे.

एनआईए ने पुलिस में इस मामले की लिखित शिकायत की है. स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने स्थानीय थाने से पुलिस मांगी थी लेकिन पुलिस के जवानों के पहुंचने से पहले उसने अभियान शुरू कर दिया. टीम के साथ केंद्रीय बल के जवान मौजूद थे.

बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि ‘जिस तरह से राज्य में केंद्रीय एजेंसियों पर हमले हो रहे हैं उससे पता चलता है कि राज्य में क़ानून व्यवस्था बची नहीं है. जब एजेंसियों पर हमले हो रहे हैं तो जनता की क्या स्थिति होगी. जनता डर में जी रही है. ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में तानाशाही चला रही हैं.’

-एजेंसी