ED को सहयोग नहीं कर रहे नवाब मलिक, अब बेटे को समन भेजने की तैयारी

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महाराष्ट्र सरकार के सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर नवाब मलिक प्रवर्तन निदेशालय ED द्वारा शुरू की गई कुर्ला लैंड डील मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो ईडी के अधिकारी जल्द ही उनके बेटे फराज मलिक को पूछताछ के लिए समन भेज सकते हैं।

आपको बता दें कि बुधवार की देर शाम नवाब मलिक को पीएमएलए कोर्ट ने 3 मार्च तक ED की हिरासत में भेज दिया था। उनके खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकद्दमा दर्ज किया है। मलिक पर आरोप है कि उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला स्थित गोवा वाला कंपाउंड में 3 एकड़ जमीन खरीदी थी। उन्होंने यह जमीन मात्र 55 लाख रुपए में खरीदी थी। जिसकी कीमत 300 करोड़ रुपए के आसपास है।

जज ने आदेश में क्या कहा

बचाव पक्ष के तमाम दलीलों को दरकिनार करते हुए पीएमएलए कोर्ट के जज ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया यह साबित होता है कि इस प्रॉपर्टी पर नवाब मालिक का स्वामित्व है। ऐसे में बचाव पक्ष की यह दलील कि नवाब मलिक पर पीएमएलए के तहत मामला नहीं बनता है, यह गलत है।

सूत्रों के मुताबिक नवाब मलिक ईडी के अधिकारियों को जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें डरा-धमका रहे हैं। ईडी सूत्रों की माने तो कुर्ला लैंड डील में नवाब मलिक के बेटे फराज पूरी तरह से शामिल थे। इस सेल डीड में 55 लाख रुपए देने के बाद हसीना पारकर के दक्षिण मुंबई स्थित घर पर उन्होंने हस्ताक्षर भी किए थे। यह डील साल 1999 से 2003 के बीच में हुई थी।

ईडी ने दर्ज किए बयान

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बीते दिनों अब्दुल्लाह अंसारी का भी बयान दर्ज किया है जो नवाब मलिक के भाई इकबाल के साथ काम करता था और दूसरे भाई असलम को जानता था। अंसारी यह भी जानता है कि फराज किसके साथ दक्षिण मुंबई स्थित ऑफिस में 50 लाख रुपये नकद और पांच लाख रुपये का चेक हसीना पारकर को देने गया था। उस जगह पर हसीना का बॉडीगार्ड सलीम पटेल भी मौजूद था।

अपने रिमांड आर्डर में अदालत ने लिखा कि सभी सबूतों को देखने के बाद इस मामले की कस्टोडियल इंटेरोगेशन की जरूरत नजर आती है ताकि इस मामले के सभी अपराधिक पहलुओं का खुलासा हो सके। आरोपी से पूछताछ के बाद ही जांच एजेंसी इस मामले से जुड़े अन्य सबूत और अपराधियों तक पहुंच सकती हैं।

-एजेंसियां