कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ से पहले प्रवर्तन निदेशालय ED को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। जांचकर्ता इसे यंग इंडियन (YI) और उसके कोलकाता की शेल कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज से संदिग्ध एक करोड़ रुपये के असुरक्षित ऋण से संबंधित अहम डीटेल मान रहे हैं।
सूत्रों ने दावा किया है कि जांच में पता चला है कि सुनील भंडारी और सुनील संगनेरिया न केवल डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड बल्कि कोलकाता की 50 अन्य कंपनियों के भी निदेशक थे। आयकर विभाग की जांच में आया है कि ये कंपनियां पैसे लेकर काले धन को वैध बना रही थीं। वैसे भी कंपनीज एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति केवल एक कंपनी में ही पूर्णकालिक निदेशक हो सकता है।
यंग इंडियन और सोनिया-राहुल
ईडी यंग इंडियन कंपनी की जांच कर रही है, जिसके बड़े शेयरधारक सोनिया और राहुल गांधी हैं। इस कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का उसकी संपत्तियों (800 करोड़ से ज्यादा) के साथ अधिग्रहण कर लिया था। कोलकाता की शेल कंपनी के जरिए 1 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉड्रिंग के सिलसिले में गांधी परिवार की जांच की जा रही है। इसके साथ ही नेशनल हेराल्ड का प्रकाशक AJL का टेकओवर भी जांच का हिस्सा है।
कांग्रेस ने 90 करोड़ कैसे दिया?
Dotex ने कांग्रेस से एजेएल के टेकओवर के लिए फंड यंग इंडियन को दिया था। एजेएल के 90 करोड़ के कर्ज के सेटलमेंट के रूप में पार्टी को यंग इंडियन से 50 लाख रुपये मिले। इसके बाद एजेएल का 100 प्रतिशत शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर हो गया। कांग्रेस चीफ से जुलाई के आखिर में पूछताछ होनी है। उनसे जांचकर्ता यह सवाल कर सकते हैं कि कांग्रेस ने एजेएल को 90 करोड़ रुपये कैसे भुगतान किया। कांग्रेस दावा कर रही है कि पेमेंट कैश या चेक में दिए गए जबकि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल जांचकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर सके। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के सीनियर नेता अब तक ‘मोड ऑफ पेमेंट’ के बारे में समझा नहीं पाए हैं।
सोनिया से होगा सवाल
यही सवाल जांचकर्ता सोनिया गांधी से पूछने वाले हैं, जो उस समय भी पार्टी की अध्यक्ष थीं जब 2011 में यंग इंडियन ने AJL का अधिग्रहण कर लिया था। उनसे यह बताने को कहा जा सकता है कि कैसे कांग्रेस ने 90 करोड़ भुगतान किया और उस पैसे का स्रोत क्या था। सूत्रों ने बताया है, ‘अगर यह लेनदेन बैंक के जरिए हुआ तो डीटेल बैंक स्टेटमेट में दिखनी चाहिए। अगर यह कैश दिया गया तो इस फंड का सोर्स बताना होगा क्योंकि यह कोई छोटी धनराशि नहीं थी।’
कांग्रेस का जवाब
अब तक पार्टी नेता कहते आए हैं कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों के VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) और बकाये वेतन के लिए एजेएल को 90 करोड़ का भुगतान किया था। हालांकि वे इससे संबंधित दस्तावेज नहीं दे सके जिससे पता चले कि लेनदेन हुआ था। कहा गया है कि ये लेनदेन कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा की निगरानी में हुआ था।
आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि नई बनी कंपनी यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपये का लोन बिना किसी गारंटी के दिया गया था जबकि उस कंपनी का कैपिटल बेस मात्र 5 लाख रुपये था। YI के टैक्स रिटर्न में पता चलता है वित्त वर्ष 2013-14 में इस 1 करोड़ के लोन का दोबारा भुगतान नहीं किया गया।
आरोप लगे हैं कि डोटेक्स कंपनी हवाला कारोबार में शामिल रही है और चेक के बदले नकद धन उपलब्ध कराती थी। डोटेक्स अब बंद हो चुकी है। आरोप है कि इस कंपनी ने बिना सिक्योरिटी यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपये दिए। यह रकम YI को एजेएल का लोन खरीदने के लिए दिया गया था। यंग इंडियन ने एजेएल का अधिग्रहण किया था। AJL ही नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करता है।
उधर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि ‘यंग इंडियन’ एक ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट सेक्शन-25 कंपनी’ है जिसने श्री राम प्रसाद गोयनका ग्रुप (RPG) की डॉटेक्स कंपनी से 14% वार्षिक ब्याज पर 1 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इस राशि को ‘यंग इंडियन’ ने 14% ब्याज सहित चेक द्वारा वापस कर दिया। पूरी राशि चेक से ली गई और वैसे ही वापस हुई।
सोनिया गांधी ने अपनी खराब सेहत के मद्देनजर ईडी से आग्रह किया था कि उनकी पेशी की तारीख कुछ सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी जाए। कांग्रेस अध्यक्ष को 23 जून को पेश होना था। जांच एजेंसी ने कहा है कि वह जुलाई महीने के आखिर में किसी समय पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएं। इसी मामले में ईडी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पांच दिन में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है।
अधिकारियों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन की भूमिका को समझा जा सके।
स्वामी ने दर्ज कराया था मामला
दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत नया मामला दर्ज किया था। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी।
स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने एवं धन के गबन का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था।
-एजेंसियां