गलवान घाटी में आखिर चीन को छोड़ना ही पड़ा अपना अड़ियल रवैया, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटने लगी फौज

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रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त बयान जारी कर बताया है कि गोगरा-हॉस्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्र से भारत और चीन के सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शाति और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

अब तक नहीं मान रहा था चीन

अब तक चीन गोगरा हॉटस्प्रिंग्स में पट्रोलिंग पाइंट पीपी-15 से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में भारत ने भी अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। दोनों तरफ बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए गए थे।

दरअसल, भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर आधिकारिक रूप से अभी सीमांकन नहीं हुआ है। भारतीय सेना कुछ निश्चित स्थान तक पेट्रोलिंग करती आ रही है। यहां कई पोस्ट या कहिए पॉइंट्स हैं जिसका इस्तेमाल सैनिक अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए करते हैं। एलएसी से लगे लद्दाख में 60 से ज्यादा पट्रोलिंग पॉइंट्स हैं।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दो साल बाद भी कई क्षेत्रों में भारत और चीन के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है। एक साल पहले हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट के इलाकों से भारत और चीन के सैनिक पीछे हटने लगे थे लेकिन यह काम अधूरा रह गया था। यहां से चीन के पीछे न हटने की वजह इसकी उपयोगिता है। दरअसल, हॉटस्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका झील इलाके में पेट्रोलिंग पॉइंट्स 15, 17 और 17ए हैं। यह इलाका भारत और चीन दोनों के लिए महत्वपूर्ण समझा जाता है। चीन की सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से दूसरी जगहों पर तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में रसद पहुंचा पाती हैं।

अब इलाका समझ लीजिए

पूर्वी लद्दाख में गलवान इलाके में ये इलाके चांग चेनमो नदी के पास हैं। हॉट स्प्रिंग चांग चेनमो नदी के उत्तर में है, वहीं गोगरा पोस्ट उस पॉइंट से पूर्व में है, जहां नदी गलवान घाटी से दक्षिण- पूर्व की ओर आते हुए और दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ते हुए दोहरा मोड़ लेती है। यह इलाका काराकोरम रेंज के उत्तर में है जो पैंगोंग झील के उत्तर में है और गलवान घाटी के दक्षिण पूर्व में है। गलवान वही क्षेत्र है, जहां दोनों सेनाओं के बीच हिंसक संघर्ष हुआ थी। दोनों ओर से कई सैनिक मारे गए।

-एजेंसी