महिला आरक्षण के लिए नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पेश, पुराने संसद भवन को मिला नया नाम

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इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसद पुराने भवन से पैदल पहुंचे। दोपहर 1.15 बजे सदन के लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू की। पीएम मोदी ने कहा कि हम आज महिला आरक्षण बिल लाने जा रहे हैं। इसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा। मोदी अपनी 25 मिनट की स्पीच में 10 मिनट महिलाओं के मुद्दे पर बोले।

इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है ये तारीख

मोदी ने कहा कि 19 सितंबर की ये तारीख इसीलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है। आज जब महिलाएं हर सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। आज इस ऐतिहासिक मौके पर नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के अवसर पर देश ने नए बदलाव का आह्वान किया है और देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नए प्रवेश द्वार खोल दें, इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं माताओं-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मैं सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हूं कि सर्वसम्मति से जब यह बिल कानून बनेगा तो इसकी ताकत अनेक गुना बढ़ जाएगी। इसलिए मैं दोनों सदनों के माननीय सांसदों से इसे सर्वसम्मति से पारित करने की प्रार्थना करता हूं। आखिर में महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हो गया।

इससे पहले मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की गगनचुंबी सफलता हर देशवासी को गर्व से भर देती है। भारत की अध्यक्षता में G20 का असाधारण आयोजन विश्व में इच्छित प्रभाव प्राप्त करने जैसी अनूठी उपलब्धियां हासिल करने का अवसर बन गया। इसी आलोक में आधुनिक भारत और प्राचीन लोकतंत्र का प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है।

महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिल लाया गया था। यह बिल अभी मौजूद है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाए हैं। आप जानकारी दुरुस्त कर लीजिए।

इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है।

नई संसद में पीएम मोदी ने अपने पहले भाषण में कहा, ये महिलाओं के लिए इतिहास बनाने का वक्त है. महिला आरक्षण पर काफी चर्चा हुई. महिला आरक्षण बिल की कैबिनेट ने मंजूरी दी है. आज हमारी सरकार संविधान संशोधन बिल पेश कर रही है. लोकसभा और विधानसभा में महिला को आरक्षण  मिलेगा.. कई बार महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया, लेकिन ईश्वर ने कई पवित्र कामों के लिए मुझे चुना है.’

कब-कब संसद में आया महिला आरक्षण बिल

सबसे पहले यह महिला आरक्षण बिल सितंबर 1996 में देवगौड़ा के समय आया, वो भी 11वीं लोकसभा में। उसके बाद दिसंबर 1998 में अटल की सरकार के समय 12वीं लोकसभा में महिला आरक्षण बिल आया। फिर तेरहवीं लोकसभा में दिसंबर 1999 में अटल की सरकार के समय बिल फिर आया। मई 2008 में मनमोन सिंह सरकार में राज्यसभा में यह बिल लाया गया था।

शायद ईश्वर ने ऐसे पवित्र काम के लिए मुझे चुना है

नई संसद में अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी प्रयास हुए हैं। 1996 में पहली बार बिल पेश हुआ। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए उस कारण सपना अधिकार रह गया। वो काम… शायद ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र काम के लिए मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने कदम बढ़ाया है। कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण वाले बिल को मंजूरी दी गई है।

पुराने संसद भवन को मिला नया नाम

इससे पहले संसद के विशेष सत्र के दौरान PM मोदी ने कहा, ‘मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।’

– एजेंसी