LAC की घटनाओं को सही तरीके से पहुंचाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने उठाया बड़ा कदम

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क्यों है अहम

भारत और चीन के बीच जब भी तनाव बढ़ता है तो यह तनाव सिर्फ मिलिट्री स्तर पर ही नहीं होता है बल्कि परसेप्शन की जंग भी होती है। चीन अपनी तरफ से सूचनाओं को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया के जरिए फैलाने की कोशिश करता है। किसी भी जंग में परसेप्शन क्या बन रहा है और सूचनाएं किस तरह से सामने आ रही हैं, यह भी बहुत मायने रखता है। रूस और यूक्रेन की जंग में दुनिया ने परसेप्शन वॉर भी जमकर देखा है। लेह में रक्षा मंत्रालय का पीआरओ होना यह भी सुनिश्चित करेगा कि सूचनाएं सही तरीके से सामने आएं।

और क्या बदलाव

सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने तय किया है कि अभी पीआरओ की जो पोजिशन ऊधमपुर में है उसे लेह शिफ्ट किया जाएगा। जम्मू और श्रीनगर दोनों जगह भी रक्षा मंत्रालय के पीआरओ पहले से हैं। जम्मू पीआरओ के पास ऊधमपुर की जिम्मेदारी भी चली जाएगी। इसके अलावा और भी बदलाव किए जा रहे हैं।

कोहिमा में जो पीआरओ है वह दीमापुर (नागालैंड) भेजा जाएगा ताकि यह दीमापुर स्थित आर्मी के कोर हेडक्वॉर्टर के साथ भी मिलकर काम कर सके।

इंफाल में जो पीआरओ की पोजिशन है उसे देहरादून शिफ्ट की जा रही है। यह पूरे उत्तराखंड का जिम्मा देखेंगे। अभी लखनऊ पीआरओ यह देखते रहे हैं।

देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकेडमी है साथ ही बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक भी उत्तराखंड में हैं। सूत्रों के मुताबिक देहरादून में रक्षा मंत्रालय का पीआरओ इसी महीने काम करने लगेगा।

कुल 25 रीजनल पीआरओ

रक्षा मंत्रालय के कुल 25 रीजनल पीआरओ हैं। इसमें 8 आर्मी ऑफिसर, 3 नेवी ऑफिसर, 6 एयरफोर्स ऑफिसर और 8 आईआईएस ऑफिसर हैं। इसके अलावा इंडियन आर्मी के भीतर स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन का अपना सिस्टम भी है।

Compiled: up18 News