अफ्रीकी महाद्वीप में खेलने के लिए मानसिक दृढ़ता ज्यादा जरूरी: द्रविड़

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द्रविड़ ने कहा कि ‘यह बैटिंग करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह है, आंकड़े आपको यह बताएंगे। यह बैटिंग करने के लिए अधिक मुश्किल जगहों में से एक है, खासकर यहां सेंचुरियन और जोहानिसबर्ग में। विकेट कुछ-कुछ करते रहते हैं और वे ऊपर-नीचे भी होते रहते हैं। प्रत्येक बल्लेबाज के पास एक गेम प्लान होगा कि वे कैसे जाना चाहते हैं, जब तक वे इसके बारे में स्पष्ट हैं और वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए अभ्यास कर रहे हैं, यह ठीक है।’ द्रविड़ ने यह भी कहा कि अफ्रीकी महाद्वीप में खेलने के लिए शारीरिक दृढ़ता के बजाय मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होगी।

क्या स्टारडम से हो रहा नुकसान?

एक समय में आईसीसी की रैकिंग्स में इससे पहले किसी एक टीम का दबदबा शायद कभी नहीं देखा गया होगा, जैसा दबदबा मौजूदा समय में भारत का है। आईसीसी प्लेयर्स की कुल नौ रैंकिंग्स लिस्ट निकालती है और इनमें से पांच पर शीर्ष पर भारतीय प्लेयर हैं। वनडे बोलिंग में कुछ दिनों पहले मोहम्मद सिराज नंबर-1 पर थे और एक बार फिर वह पोजिशन हासिल कर सकते हैं। जब इतने सारे नंबर-1 भारत में हैं तो फिर टीम इंडिया के पास आईसीसी की खिताबों का सूखा क्यों रहता है।

शायद इसकी वजह स्टारडम का हावी होना है, जहां प्लेयर के निजी आंकड़ों का महत्व टीम की हार-जीत से ज्यादा महत्व रखने लगते हैं। निसंदेह: प्लेयर मेहनत करते हैं तो नंबर-1 की पोजिशन हासिल करते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ उनके साथ स्टार का रुतबा भी चिपक जाता है और फिर यह स्टारडम टीम प्लेयर्स के बीच असंतुलन पैदा करता है।

-Compiled by up18 News