वन महाराज ट्रस्ट विवाद: स्वामी गोपानंद के समर्थकों ने चिट फंड विभाग के फैसले पर उठाए सवाल

Press Release

आगरा: योगी सरकार में साधु-संतों को प्रेस वार्ता कर अपने लिए सुरक्षा की गुहार और दबंगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करनी पड़ रही है। मामला वन महाराज कॉलेज के इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल वेलोसिटी रमन रेती वृंदावन से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि एक दबंग ने जबरन और धोखाधड़ी के माध्यम से यहां कब्जा कर लिया है।

स्वामी गोपानंद वन महाराज के समर्थकों के साथ इस पूरे मामले को देख रहे उनके प्रवक्ता ने बताया कि वन महाराज कॉलेज संस्था का इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओरिएंटल फिलासफी कॉलेज है जिस पर गैर कानूनी तरीके से नामदेव शर्मा ने जबरन कब्जा कर लिया है। मंतोष कृष्ण दास ने बताया कि लैंग्वेज प्रॉब्लम के चलते नामदेव शर्मा ने गलत पेपरों पर हस्ताक्षर कराए। फिर ट्रस्ट की सारी भूमि और कॉलेज पर अपना अधिकार कर लिया जिसे वह आज अपने निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

इस विद्यालय को समाजसेवार्थ हेतु खोला गया था जिससे हर व्यक्ति शिक्षा ग्रहण कर सकें लेकिन नामदेव शर्मा इसकी भूमि और कॉलेज को निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

मुख्यमंत्री से लगाई सुरक्षा की गुहार

प्रेस वार्ता के दौरान कॉलेज के ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपानंद वन महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और दबंग धोखाधड़ी करने वाले नामदेव शर्मा को सख्त से सख्त सजा दिलाएं जिससे वह अपने आश्रम में लौट सकें।

धोखाधड़ी से ट्रस्ट में हुआ था शामिल

वन महाराज कॉलेज ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपानंद महाराज ने बताया कि नामदेव शर्मा सभी को धोखा देते हुए पहले ट्रस्ट का सदस्य बना। फिर बाद में फर्जी कागजातों के माध्यम से ट्रस्ट की सारी भूमि और कॉलेज को अपने अधिकार में लेना शुरू कर दिया। लैंग्वेज प्रॉब्लम होने के कारण नामदेव शर्मा पर साधुओं ने विश्वास किया जबकि उसने विश्वासघात किया। जब पता चला कि धोखे से नामदेव शर्मा ने कॉलेज और ट्रस्ट की भूमि को अपने संरक्षण में ले लिया है तो उसका विरोध किया गया। साधुओं की आवाज दबाने के लिए उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें बाहर निकाल दिया गया।

स्वामी गोपानंद महाराज के प्रवक्ता ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर वह उप निबंधक फर्म सोसायटी एंड चित फंड के डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने 28.8.2020 को सुनवाई करते हुए नामदेव शर्मा की सभी कमेटी को अवैध घोषित कर दिया था लेकिन 14.7.2021 को उन्होंने अपने ही फैसले को पलट दिया और नामदेव शर्मा की कमेटी को वैध घोषित कर दिया। डिप्टी रजिस्ट्रार के इस फैसले के विरोध में गोपानंद महाराज की ओर से प्रयागराज हाई कोर्ट में अपील दायर की गई है लेकिन यह समझ में नहीं आया कि सभी ओरिजिनल कागजात उनके पास होने और पहला फैसला उनके पक्ष में आने के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने अपना फैसला कैसे बदल दिया।

स्वामी गोपानंद महाराज के प्रवक्ता ने बताया कि नामदेव शर्मा दबंग और अपराधिक किस्म का व्यक्ति है। उसने संपत्ति हथियाने के लिए साधु-संतों पर हमला कराया था। हाल ही में गोपानंद महाराज के एक शिष्य पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल भी कर दिया गया था। नामदेव शर्मा के खिलाफ मथुरा में तीन एफ आई आर दर्ज हैं लेकिन फिर भी नाम देव शर्मा की अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है जिससे उन्हें अब अपनी जान का खतरा बरकरार बना हुआ है।