लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के बजट सत्र में विधान परिषद को संबोधित करते हुए महाकुंभ के आयोजन का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा आयोजन था जिसे लंबे समय तक दुनिया याद रखेगी। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां इससे सहमत नहीं थीं और महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार किया फिर भी लोगों की आस्था नहीं डिगी।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के आयोजन की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। जो लोग संघ की विचारधारा से नहीं जुड़े हैं वो भी महाकुंभ के आयोजन की प्रशंसा कर रहे हैं। 45 दिन तक चले आयोजन में कोई लूट की घटना नहीं हुई। कोई अपहरण की घटना नहीं हुई। यह सनातन के सामाजिक अनुशासन का प्रभाव है। जो कि कहता है कि पूरा देश एक है और यहां जातिवाद और क्षेत्रवाद की कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये उन लोगों को जवाब है जो कि जल के प्रदूषण और अन्य तमाम छोटी खबरों को लेकर आयोजन पर सवाल उठा रहे थे और दुष्प्रचार कर रहे थे। देश की जनता के लिए गंगा सबसे पवित्र है और विज्ञान कहता है कि बहता हुआ जल खुद को पवित्र करता रहता है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि महाकुंभ में जैसी जिसकी दृष्टि थी वैसा ही उसने वहां देखा। सनातन के मानने वालों के लिए महाकुंभ एक गर्व का विषय है जो कि पूरी दुनिया को एकता का संदेश देता है।
महाकुंभ के आयोजन के दौरान काशी और अयोध्या में भी पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई। इस दौरान इन नगरों के स्थानीय लोगों ने अभूतपूर्व धैर्य का परिचय दिया साथ ही उनका आतिथ्य सत्कार भी किया।
एक नाविक परिवार ने 30 करोड़ रुपये की कमाई की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्था को आजीविका से जोड़ा है। यही कारण है कि प्रयागराज का एक नाविक परिवार जिसके पास 130 नावें थीं। उन्होंने पूरे आयोजन के दौरान 30 करोड़ रुपये की कमाई की। महाकुंभ का वृहद आर्थिक पक्ष है। हमारा अनुमान है कि इस आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को साढ़े तीन लाख करोड़ का लाभ हुआ है।
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