मां लिंगा भैरवी मंदिर: जंहा रजस्‍वला स्‍त्रियां भी कर सकती हैं पूजा

Religion/ Spirituality/ Culture

देश में इस बात को लेकर समय-समय पर बहस चलती रही है कि महिलाओं को मासिक धर्म के समय देव स्‍थानों, मंदिरों में प्रवेश करना या पूजन में भाग लेना चाहिये या नहीं।

केरल का Sabarimala मंदिर इसी मुद्दे को लेकर देश व दुनिया में चर्चाओं में रहा लेकिन आपको शायद यह पता ना हो कि देश में एक ऐसा भी मंदिर है जो मासिक धर्म के दौरान यानी रजस्‍वला महिलाओं को भी मंदिर में ना केवल प्रवेश की अनुमति देता है, बल्कि वे वहां पूजा-अर्चना भी कर सकती हैं। यह अनूठा मंदिर Coimbatore में स्थित है। इसका नाम “Ma Linga Bhairavi” मां लिंगा भैरवी मंदिर है। यह महिलाओं के लिए विशेष मायने रखता है क्‍योंकि यहां माहवारी के वक्‍त भी महिलाओं के यहां आने पर पाबंदी नहीं है।

यह मंदिर ख्‍यात धार्मिक गुरु और Isha Foundation के प्रमुख Sadhguru Jaggi Vasudev सद्गुरु जग्‍गी वासुदेव के शहर में बसा है।

यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जो मासिक धर्म से गुज़र रही महिलाओं को सीधे गर्भगृह यानी Sanctum तक जाने की अनुमति देता है। बताया जाता है कि यह पूरा आइडिया सद्गुरु जग्‍गी वासुदेव का ही है। ऐसी महिलाओं को मां “Bairagini Ma” और उपशिखा “Upashika” कहा गया है।

ऐसी ही एक उपशिखा मा निर्मला ने बातचीत में बताया कि इसका उद्देश्‍य शुरू से यही था कि किसी भी महिला की धार्मिकता में माहवारी बाधा ना बने और वह सामान्‍य लोगों की तरह ही पूजा व अभिषेक कर सके।

खास बात यह है कि यहां महिला व पुरुष दोनों ही मा लिंगा भैरवी मंदिर में एक साथ पूजा करने आ सकते हैं लेकिन गर्भगृह में केवल महिलाओं को ही प्रवेश करने की अनुमति है। सामान्‍य महिलाओं के अलावा यहां साध्‍वी एवं महिला अनुयायियों को भी मंदिर में माहवारी के दौरान प्रवेश करने की अनुमति है।

माहवारी, महिलाएं और मंदिर

भारत के कई हिस्सों में मासिक धर्म को अभी भी हिंदू धर्म में अपवित्र माना जाता है। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान सामान्य जीवन जीने की मनाही है। मासिक धर्म वाली लड़कियों और महिलाओं पवित्र किताबों को छूने से भी प्रतिबंधित किया जाता है। ऐसे में इस लिंगा भैरवी मंदिर का उद्देश्य समाज में प्रचलित वर्जनाओं के बारे में एक सकारात्मक संदेश देना है।

-एजेंसियां