दुनिया में बढ़ रहा है अकेलापन लेकिन कैजुअल रिलेशन में भी नहीं बंधना चाहते लोग

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सिंगल लोगों की दोस्ती और खुशी का स्तर दोनों बढ़ता है

1990 में अमेरिका में अकेले एडल्ट्स की संख्या 29% थी। तलाक की वजह से अकेले रह रहे 39% एडल्ट्स को इस अध्ययन में शामिल नहीं किया गया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में मनोविज्ञान के प्रोफेसर ज्यॉफ मैकडोनाल्ड अपने शोध में बताते हैं- 40 साल की उम्र के बाद पुरुषों में अकेले रहने की चाहत बढ़ती है। वे ज्यादा खुश होते हैं। जहां इस उम्र तक आते-आते ज्यादातर शादीशुदा पुरुष अपने दोस्त खोते जाते हैं। अकेले रहने वालों की दोस्ती और खुशी का स्तर दोनों बढ़ता जाता है।

सैंट बैरबारा में रहने वाली 69 साल की सोशल साइकोलॉजिस्ट बेला डेपौलो कहती हैं- लोग जितने ज्यादा महत्वाकांक्षी होते हैं, अकेले रहना चाहते हैं। खासतौर पर महिलाएं। मैं सारी जिंदगी अकेले रही। कुछ दिन पहले किसी के साथ रहने की बात सोची, लेकिन फिर एहसास हुआ कि अकेले रहना ही सार्थक है। यह मेरी आजादी और पहचान है।

प्रोफेसर ज्यॉफ मैकडोनाल्ड कहते हैं- हम अकेले रहने वाले लोगों की कहानियां इकट्‌ठा कर रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि अकेले रहने की चाहत क्यों बढ़ रही है और क्यों वे दुनिया के करीब हर समाज के लिए पंचिंग बैग बने रहते हैं। मैकडोनाल्ड कहते हैं- कई दशकों से शादियां कम हो रही हैं। दरअसल, अब शादी परिवार बनाने के लिए अनिवार्य नहीं है और न ही वित्तीय स्थायित्व के लिए।

मैकडोनाल्ड कहते हैं- अब तक के शोधों से पता चला है कि रोमांटिक संबंधों में रहने वाले लोग अकेले रहने वालों से ज्यादा बेहतर जिंदगी जीते हैं। वे ज्यादा खुश और अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं। वहीं कई शोध यह भी बताते हैं कि जिन लोगों की शादीशुदा जिंदगी बेहतर नहीं होती, उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उनसे कहीं ज्यादा खराब होता है जो कभी संबंधों में नहीं रहे होते हैं।

अकेले रहने की सबसे बड़ी वजह- बिना रोक-टोक आजादी की चाहत

जेरूसलेम की हिब्रू यूनिवर्सिटी के फैकल्टी एलैकिम किसलेव कहते हैं- 2022 में प्रकाशित हुई एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, अकेले रहने की सबसे बड़ी वजह आजादी है। अकेले रहने वालों को लगता है कि वे खुद को ज्यादा समय दे पाएंगे। अपने लक्ष्य बिना किसी भटकाव के पूरे कर सकेंगे। कई शोधों से पता चला है कि अकेले रहने वाले अपने माता-पिता और भाई-बहनों की ज्यादा मदद कर पाते हैं। अकेले रहने वालों का सामाजिक दायरा भी बड़ा होता है।

– एजेंसी