फिर चमके कुलदीप ने भारत को जीत दिलाई

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बैटिंग में भारतीय टीम भले ही लड़खड़ाई पर गेंदबाजों ने संघर्ष कर रही श्रीलंकाई टीम को ऑल आउट कर भारत को एशिया कप के फाइनल में पहुंचा दिया। दुनिथ वेल्लालागे को उनके बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

केएल राहुल, विराट के सैंकड़े और कुलदीप के पंजे के अगले ही दिन भारत कोलंबो में एशिया कप के एक और सुपर4 मुकाबले में श्रीलंका से भिड़ने उतरा।

टॉस जीत कर रोहित शर्मा ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, पाकिस्तान के साथ कल खेलने उतरे शार्दुल ठाकुर की जगह भारतीय टीम ने इस मैच में अक्षर पटेल को उतारा।

रोहित और शुभमन गिल ने पिछले मैच की तरह ही इस मैच में भी भारत को सम्भली हुई शुरुआत दी। पिछले मैच में पाकिस्तानी और भारतीय गेंदबाजों की तुलना में श्रीलंकाई गेंदबाजों से इस मैच में गेंद कम स्विंग होती दिखी, शुरुआत में लंकाई गेंदबाज लाइन से भटके हुए थे तो फील्डर भी गेंद लपक नही रहे थे।

सातवें ओवर में रोहित ने कसुन रजिथा की गेंद पर सामने छक्का मार कर 248 मैचों में अपने वनडे कैरियर में दस हजार रन पूरे किए। विकेट की तलाश में श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका ने पहले दस ओवर में ही खुद को मिलाकर अपने चार गेंदबाज आजमा लिए पर उन्हें कोई सफलता नही मिली। उनके दसवें ओवर में रोहित ने चार चौके जड़े, जिसमें एक शानदार स्क्वायर ड्राइव कर मारा चौका भी शामिल था।

जब लग रहा था कि भारत आसानी से इस मैच में बड़ा स्कोर बनाएगा तभी बारहवें ओवर में गेंदबाजी के लिए आए बाएं हाथ के स्पिनर ने अपनी उंगलियों का जादू दिखाना शुरू किया। दुनिथ वेल्लालागे ने अपने तीन ओवरों में भारतीय टीम के मुख्य बल्लेबाजों शुभमन, विराट और रोहित को आउट कर दिया। शुभमन और रोहित के पास वेल्लालागे की ड्रिफ्ट लेती गेंदों का कोई जवाब नही था और दोनों ही बोल्ड हुए। इसके बाद श्रीलंकाई कप्तान ने के एल राहुल और ईशान किशन के सामने दोनों छोरों से स्पिन आक्रमण लगा दिया। धनन्जय डी सिल्वा ने भी दूसरे छोर से भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा और अपने पहले तीन ओवरों में सिर्फ नौ रन दिए थे।

टिक गए के एल और किशन, फिर लगी विकेटों की झड़ी।

जब लग रहा था कि वेल्लालागे साल 2008 में अजंता मेंडिस का भारतीय टीम के खिलाफ किया कारनामा दोहराएंगे तब के एल और किशन ने टिकते हुए खेला और भारत का स्कोर बीस ओवर की समाप्ति पर तीन विकेट के नुकसान पर 109 रन पहुंचाया।

तीसवें ओवर में राहुल और फिर ईशान किशन के आउट होने के बाद भारत के विकेटों की झड़ी लग गई। जडेजा और हार्दिक दोनों ने इस मैच में भारतीय दर्शकों को निराश किया, हार्दिक 5 रन पर वेल्लालागे का पांचवा शिकार बने। असालंका ने जडेजा के बाद बुमराह और कुलदीप को भी लगातार दो गेंदों पर आउट किया। अक्षर पटेल ने ही अंत में कुछ संघर्ष किया, उन्होंने तीक्षणा के 48वें ओवर की अंतिम गेंद पर शानदार छक्का जड़ा। भारतीय पारी का आखिरी ओवर तिक्षणा ने किया, जिसकी पहली ही गेंद पर अक्षर 26 रन बनाकर बाउंड्री पर कैच आउट हो गए।

स्पिनरों से पहले तेज़ गेंदबाजों की चुनौती।

सवाल यह था कि भारतीय स्पिनरों से पहले 214 रन का पीछा कर रहे श्रीलंका के बल्लेबाज भारतीय पेस बैटरी को झेल पाएंगे। बुमराह ने श्रीलंका की पारी के तीसरे ओवर की पहली गेंद बाहर विकेट के बाहर की तरफ स्विंग कराई, जिसे पाथुम निसांका विकेटकीपर के एल राहुल के हाथों में थमा बैठे, उन्होंने 6 रन बनाए। इसके बाद आए कुसल मेंडिस ने ओपनर दिमुथ करुणारत्ने के साथ सम्भल कर खेलना शुरू किया और मेंडिस ने सातवें ओवर में बुमराह की बॉल पर एक दर्शनीय चौका भी लगाया पर इसी ओवर में बुमराह ने लगभग यॉर्कर गेंद पर उन्हें सूर्यकुमार यादव के हाथों लपकवाकर 15 रन पर आउट कर दिया।

इसके अगले ओवर में ही बाएं हाथ के बल्लेबाज करुणारत्ने भी सिराज की गेंद में स्लिप पर शुभमन गिल को कैच थमा बैठे, तब श्रीलंका का स्कोर 25 रन पर तीन विकेट था।

जब दोनों छोरों पर लगा स्पिन अटैक।

इसके बाद कप्तान रोहित ने हार्दिक को एक ओवर देकर दोनों छोरों से कुलदीप, जडेजा को स्पिन गेंदबाजी पर लगा दिया।

चरिथ असालंका और सदीरा समाराविक्रमा की मजबूत होती जोड़ी टूट ही जाती पर सत्रहवें ओवर में जडेजा की गेंद पर असालंका का बल्ले का ऊपरी किनारा लग कर लेग साइड में गया कैच ईशान किशन ने छोड़ दिया। भारतीय टीम इससे निराश थी पर फिर कुलदीप ने कमाल किया और सदीरा को 17 रन पर स्टम्प और असालंका को 22 रन पर विकेट के पीछे कैच आउट करवा दिया। शनाका और धनन्जय के क्रीज पर रहते श्रीलंका का स्कोर 20 ओवर की समाप्ति पर 5 विकेट के नुकसान पर 79 रन था।

इस लो स्कोरिंग मैच में धनन्जय के अच्छे शॉट्स की वजह से भारत दबाव में दिख ही रही थी कि जडेजा के 26वें ओवर की पहली गेंद पर ही श्रीलंका के कप्तान शनाका स्लिप में खड़े रोहित को कैच थमा बैठे। शनाका ने 9 रन बनाए और इस ओवर के बाद श्रीलंका का स्कोर 6 विकेट के नुकसान पर 104 रन था।

धनन्जय और वेल्लालागे से परेशान टीम इंडिया।

तीस ओवर खत्म होने पर 6 विकेट पर 125 रन बना चुकी श्रीलंका की टीम की उम्मीद 47 गेंदों पर 31 रन बना चुके धनन्जय पर टिकी हुई थी, वह खास तौर पर अक्षर पटेल को निशाना बना रहे थे। विकेट की तलाश में कप्तान रोहित फिर से कुलदीप को गेंदबाजी पर लाए पर अब धनन्जय के साथ गेंदबाजी में कमाल दिखा चुके वेल्लालागे भी अपना हाथ खोलने लगे, उन्होंने कुलदीप की गेंद पर चौका, छक्का जमा दिया।

श्रीलंका को 102 गेंदों पर मात्र 66 रन की जरूरत थी तो भारत श्रीलंका के चार विकेट तलाश कर रही थी।

फिर काम आई फिरकी।

हार्दिक, बुमराह को गेंदबाजी पर वापस लाने पर रनों की रफ्तार तो धीमी हुई पर विकेट नही मिल रहा था, श्रीलंका को अब 78 गेंदों पर 57 रन की तलाश थी। धनन्जय 41 और वेल्लालागे 30 पर खेल रहे थे, तभी अगले ही ओवर में जडेजा ने वेल्लालागे से चौका और सिंगल खाने के बाद धनन्जय को फिरकी में फंसाते हुए गिल के हाथों कैच आउट करा दिया।

सांस थामे श्रीलंकाई दर्शकों को तब झटका लगा जब 41वां ओवर फेंक रहे हार्दिक के ओवर की पांचवीं गेंद पर सूर्यकुमार यादव ने 2 रन पर खेल रहे तीक्षणा का लाजवाब कैच पकड़ा। इसके अगले ही ओवर में कुलदीप ने रजिथा और पथिराना को बोल्ड कर भारत को इस मैच में 41 रन से जीत दिला दी। कुलदीप ने इस मैच में चार विकेट लेते हुए भारत को एशिया कप के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।

हिमांशु जोशी।