रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: 84 सेकेंड का ही शुभ मुहूर्त क्यों, जानिए कारण!

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84 सेकंड का विशेष शुभ मुहूर्त क्यों खास?

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तो 22 जनवरी है, लेकिन कार्यक्रमों की शुरुआत 16 जनवरी से सरयू की जल यात्रा के साथ होगी. उसके बाद गणेश पूजा के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत होगी. ज्योतिषाचार्य अंशु पारीक बताती हैं कि शुक्ल पक्ष की द्वादशी को स्थिर लग्न में अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे. यानि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का स्थायित्व हमेशा बरकरार रहेगा.

रामलला के विराजमान होने के समय पर धर्म, अध्यात्म के कारक ग्रह बृहस्पति मेष राशि में लग्न में ही विराजमान होंगे. साथ ही कर्मेश और लाभेश के स्वामी शनि की तृतीय दृष्टि गुरु पर डालेंगे, जो धर्म और आध्यात्म की दृष्टि से श्रेष्ठ होगा. जबकि चंद्रमा अपनी उच्च राशि में चतुर्थ भाव के स्वामी होकर द्वितीय भाव में लग्नेश (मंगल) के नक्षत्र मृगशिरा में विराजमान होंगे.

लग्न में बैठे बृहस्पति अपनी पंचम और नवम दृष्टि से धर्म त्रिकोण पर शुभ दृष्टियां डालने के साथ लग्नेश मंगल पर भी अपनी नवम दृष्टि से शुभ प्रभाव डालेंगे. वहीं लग्नेश मंगल का दो-दो शुभ ग्रह (बुध व शुक्र) के साथ धर्म त्रिकोण में बैठना और नवमेश बृहस्पति से दृष्ट होना भाग्यवर्धक और मंगलमय सिद्ध होगा. राहू केतु सहित सभी ग्रह शुभ स्थिति में होंगे. सूर्य मकर राशि में दिग्बली होकर दशम भाव में अपने ही नक्षत्र में विराजमान होंगे. यानि सभी ग्रह शुभ और लाभ की स्थिति में विराजमान होंगे.

– एजेंसी